विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने शिमला में जयराम सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है जिससे एक साल में जनता का सरकार से मोह भंग हो गया है। इस कारण सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में भीड़ जुटाने के लिए विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों पर रैली में आने के लिए दवाब बना रही है। रैली में लाभार्थियों को लाने के कार्य के लिए मुख्य सचिव से लेकर एसडीएम स्तर के अधिकारी लगे हुए हैं।
जिससे साबित होता है कि सरकार की रैली में जनता आने वाली नहीं है, इस कारण सरकार लाभार्थियों के बहाने भीड़ दिखाना चाहती है। सरकार से जनता का मोह भंग होने के साथ-साथ बीजेपी के कार्यकर्ता भी हतोत्साहित हैं, क्योंकि सरकार अपनों की ही अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर सकी है। लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए एक राजनैतिक रैली के लिए सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार के मंत्रियों ने सभी विभागों के अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि वह उनकी योजनाओं के लाभार्थियों को रैली में लेकर आएं। अधिकारी केंद्र और राज्य सरकार की आवास योजना, पेंशन योजना, स्वरोजगार योजना, उज्जवला योजना आदि के लाभार्थियों की सूची बनाने में लगे हैं और अधिकारी इन सूचियों के आधार पर लाभार्थियों पर रैली में आने का दवाब बना रहे।
जनता के बीच नाकाम साबित हुई प्रदेश सरकार
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के सामने सरकार की नाकामियों की पोल न खुल जाए इसलिए मुख्यमंत्री और मंत्री अपनी कुर्सी बचाने के लिए गलत तरीके से भीड़ जुटाने में लगे हैं। मुख्यमंत्री और मंत्री जानते हैं कि सरकार का जश्न मनाने जनता आने वाली नहीं है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार के पास एक साल की उपलब्धियां गिनाने के लिए कुछ नहीं है। मुख्यमंत्री ने जो योजनाएं अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताकर शुरु की, वह भी जनता के बीच नाकाम साबित हुईं हैं। सरकार के पास बाबा रामदेव को करोंड़ो की जमीन देने मामले में कोई जवाब नहीं हैं।
सामने आए कई घोटाले
वहीं, बस खरीद घोटाला, वर्दी खरीद घोटाला सामने आए हैं जिस पर न तो मुख्यमंत्री और न ही मंत्री जवाब दे पाए हैं। मुख्यमंत्री ने युवाओं को रोजगार देने के लिए मुख्यमंत्री स्वाबलंबन योजना शुरु की लेकिन 6 माह में 100 लोगों को भी फायदा नहीं हुआ जिससे मुख्यमंत्री की यह योजना भी फ्लॉप साबित हुई है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने हैलीटैक्सी सेवा शुरु की। शिमला से चंडीगढ़ के लिए शुरु की गई पहली हेलीटैक्सी सेवा भी महीनों से बंद पड़ी हैं। जिससे अब प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थलों के लिए हेलीटैक्सी सेवा शुरु होने पर सवाल खड़े हैं। इस तरह सरकार की हर योजना एक साल में शुरु होने के साथ ही दम तोड़ चुकी हैं।