हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में 6 विधायकों के मुख्यमंत्री के खिलाफ आलाकमान को लिखे पत्र के बाद पार्टी में भूचाल मचा है। ऐसा लग रहा है कि वीरभद्र सिंह और पीसीसी अध्यक्ष के बीच की गुटबाजी अब निर्णायक मोड़ पर आ चुकी है।
विधायकों के वीरभद्र सिंह के खिलाफ आलाकमान को चिट्ठी लिखे जाने की ख़बर के बाद पीसीसी अध्यक्ष पर पैसे देकर ग़लत ख़बर प्लांट कराने के आरोप लगे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक स्नैप चैट के मुताबिक वीरभद्र सिंह के एक खेमे ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री के खिलाफ विधायकों के चिट्ठी लिखने की खबर प्लांटेड न्यूज़ है और इसमें सुखविंदर सिंह सुक्खू का हाथ है। उनकी कोशिश है कि वह इस तरह की ख़बरों से आलाकमान पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ दबाव बना सकें।
इस दौरान सोशल मीडिया में कांग्रेस संगठन का काम देख रहे अरुण ठाकुर ने भी पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस ने पार्टी को बीजेपी से इंपोर्ट हुए नेताओं का अड्डा बना लिया है और यही वजह है कि लगातार पार्टी हासिये पर जा रही है। सिर्फ संगठन ही है जो लगातार सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस के आधार को हिमाचल में कायम रखे हुए है।
गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी 6 विधायकों के मुख्यमंत्री के खिलाफ बागी होने की पुष्टि कर दी है। ये विधायक गुड़िया मामले में मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं हाईकमान को चिट्ठी लिखकर उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने की जोरदार वकालत की है।
कांग्रेस के बीच मचे इस घमासान को पार्टी के प्रवक्ता नरेश चौहान दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। समाचार फर्स्ट के साथ बातचीत में नरेश चौहान ने मुख्यमंत्री के मीडिया एडवाइजर की पोस्ट से खुद को अंजान बताया। लेकिन, साथ ही यह भी कहा कि अगर प्रशांत ने सुक्खू पर न्यूज़ प्लांट करने के आरोप लगाए हैं तो संगठन उनके आरोप की कड़ी निंदा करता है।