लोकसभा चुनावों के नतीजे आ चुके हैं। तस्वीर लगभग साफ़ हो चुकी है। कांग्रेस के नजरिये से देखें तो इस चुनाव में कांग्रेस के लिए कुछ भी अच्छा नहीं रहा। हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस बुरी तरह हारी है। 2014 की तरह 2019 में भी बीजेपी ने जीत का चौका लगाया है। कांग्रेस के एक भी उम्मीदवार से अपना घर तक नहीं संभला। कांग्रेस के कई दिग्गज अपने घर में बुरे तरीके पस्त रहे। कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा इस चुनाव में दांव पर लगी थी। नतीजों के बाद ये कह सकते हैं कि दिग्गजों के लिए भी ये चुनाव किसी आंधी से कम नहीं रहा।
इन सब के बीच कांग्रेस के लिए एक उम्मीद की किरण पूर्व मंत्री जीएस बाली ने जगाई है। पूर्व मंत्री जीएस बाली ने अपने विधानसभा क्षेत्र नगरोटा बगवां में पूरी 17 विधानसभाओं में सबसे ज्यादा वोट कांग्रेस प्रत्याशी को दिलाए। हालांकि, यहां कांग्रेस को लीड तो नहीं मिली लेकिन बाकी विधानसभाओं के मुताबिक यहां लीड सबसे ज्यादा है। यहां तक कि कांगड़ा-चंबा से लोकसभा सीट के प्रत्याशी पवन काजल थे अपने विधानसभा क्षेत्र कांगड़ा में भी लगभग 24 हज़ार वोट से पीछे रहे।
नगरोटा बगवां से पवन काजल को 19410 वोट मिले जो पूरे लोकसभा क्षेत्र की 17 विधानसभाओं में सबसे ज्यादा है। जबकि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता आशा कुमारी के विधानसभा क्षेत्र डलहौज़ी से पवन काजल को मात्र 9166 वोट मिले।
यहा देखिये 17 विधानसभाओं में कांग्रेस को मिले कितने वोट…
- नगरोटा बगवां- 19410
- सुलह- 18814
- धर्मशाला- 18601
- ज्वाली- 18585
- कांगड़ा- 17470
- इंदौरा- 16380
- पालमपुर- 15122
- जयसिंहपुर- 15076
- चुराह- 13754
- नूरपुर- 13397
- फतेहपुर- 13035
- चंबा- 12672
- बैजनाथ- 12012
- ज्वालामुखी- 11974
- शाहपुर- 11204
- डलहौज़ी- 9166
- भटियात- 8802
पूर्व मंत्री जीएस बाली ने इसके लिए बकायदा खुद ग्राउंड पर काम किया और टी-शर्ट कैंपेन के साथ-साथ कार्यकर्ताओं को भी एक्टिव किया। हालांकि, उनकी तबीयत ख़राब चल रही थी लेकिन फ़िर भी उन्होंने काजल के पक्ष में वोट अपील की। प्रदेश में मोदी लहर के बाद इन आंकड़ों को देख़कर ये कहा जा सकता है कि जहां प्रदेश के दिग्गज अपने किलों को नहीं बचा पाए, वहीं जीएस बाली ने अपने विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार को सबसे ज्यादा वोट दिलाकर उम्मीद की किरण जगाई है।