विधानसभा चुनाव सिर पर आते ही कांग्रेस ने रूठे नेताओं को मनाने का मन बना लिया है। इसी कड़ी में शिंदे प्रदेश भर में एकजुटता का संदेश भी दे रहे हैं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात भी कर रहे हैं। शनिवार को कुल्लू दौरे पर शिंदे ने वरिष्ठ नेता धर्मवीर धामी से मुलाकता की।
यह मुलाकात करीब एक घंटे तक चली, जिससे सियासी गलियारों में यह हलचल शुरू हो गई है कि एक घंटे तक चलने वाली इस लंबी मुलाकात में शिंदे ने धामी को क्या पाठ पढ़ाया होगा। लेकिन अब देखना यह होगा कि क्या धामी पार्टी में वापसी करेंगे या नहीं।
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के घर वापसी को लेकर कई नेताओं ने आवाज उठाई थी लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ। विधानसभा चुनाव सिर पर आते ही कांग्रेस एक बार फिर वरिष्ठ नेताओं को साथ लेकर चलने के प्रयास में है और धामी के साथ-साथ कई और नेताओं की घर वापसी हो सकती है।
गौरतलब है कि धर्मवीर धामी जिला के एक मजबूत नेता हैं और वे पार्टी में अहम पदों पर रह चुके हैं। लेकिन, पिछले कुछ सालों से उनका छत्तीस का आंकड़ा अपने मामा तत्कालीन मंत्री राजकृष्ण गौड से रहा है, जिस कारण वे टिकट के प्रबल दावेदारों में रहे और टिकट न मिलने की सूरत में धामी ने दो बार निर्दलीय चुनाव भी लड़ा। आखिर में इन तकरारों का परिणाम यह निकला की बीजेपी बड़ी पार्टी बनकर उभरी।