<p>लोकसभा चुनाव को राजनीति के महाकुंभ के रूप में जाना जाता है। इस दौरान बहुत से नेता अपनी विचारधारा से विपरित दूसरी पार्टियों में जाकर काम करने का प्रयास भी करते हैं। इसी कड़ी में आज कांग्रेस पार्टी के पूर्व सीपीएस रहे सुरेंद्र काकू जो पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खास माने जाते हैं, आज कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले गए।</p>
<p>काकू का कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जाना सीएम जयराम ठाकुर का कांगड़ा में बड़े मास्टर स्टॉक के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने यहां पर पवन काजल के रूप में एक जातीय समीकरणों को बनाने का प्रयास भी किया था। यह भी कह सकते हैं एक जाति कार्ड खेलने का प्रयास किया था । लेकिन अब जब सुरेंद्र काकू का जो ओबीसी का नेतृत्व कांगड़ा से करते हैं पार्टी छोड़कर बीजेपी में चले गए। इस तरह से इस बड़ी उठापटक के बीच में कांग्रेस पार्टी को बड़ा नुकसान कहा जा सकता है ।</p>
<p>वहीं, जब इस बारे में पूर्व मंत्री जीएस बाली से पूछा गया तो उन्होंने इस बात पर खेद जताया। उन्होंने दुख प्रकट करते हुए कहा की कोई भी कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर जाता है तो नुकसान तो होता ही है। सुरेंद्र काकू का फोटो ओबीसी जातीय समीकरणों पर खासा प्रभाव रखता हैं। इसलिए चुनावों के नजरिए से देखा जाए तो कांग्रेस पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि आलाकमान को चाहिए कि प्रदेश में इस तरह की घटनाएं आगे ना हो इसके लिए खास प्रयास करें। और इस तरह के जो नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं उनकी वापसी का प्रयास भी किया जाना चाहिए।</p>
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