Follow Us:

सवाल पूछ रहे हैं लोग, क्या कांग्रेस का घोषणा पत्र गूगल ट्रांसलेटर से बना है ?

धर्मराज सिंह |

कांग्रेस ने मंगलवार को अपना घोषणा पत्र जारी किया। ये अच्छा है खराब है, इस पर समर्थक आलोचक बहस करें। यहां हम बात दूसरे मुद्दे की कर रहे हैं। घोषणापत्र के हिंदी संस्करण में उन छोटी-छोटी बातों को नज़रअंदाज़ कर दिया गया है, जो वर्तनी और व्याकरण संबंधी शुद्धता के लिए अनिवार्य हैं। सीधे शब्दों में कहें तो घोषणापत्र के हिंदी संस्करण में गलतियों की भरमार है। सोशल मीडिया पर लोग यह कहकर कांग्रेस का मजाक उड़ा रहे हैं कि 'हो सकता है गूगल ट्रांसलेटर इस्तेमाल किया हो'।

हिंदी में बिंदी का महत्व क्या है, यह बताने की ज़रूरत नहीं। लेकिन कांग्रेस के घोषणापत्र में इस महत्व को भी तवज्जो नहीं दी गई है। मसलन, कई स्थानों पर 'राज्यो, वर्षो और गांवो' आदि लिखा गया है, जबकि हिंदी के हिसाब से 'राज्यों, वर्षों, गांवों' होना चाहिए। ऐसा नहीं है कि गलतियों का सिलसिला घोषणापत्र के बीच से शुरू होता है, दूसरे पृष्ठ पर भी आप इसे देख सकते हैं। देखें फोटो..

यहां तक कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के संदेश में भी हिंदी व्याकरण संबंधी गलतियां हैं। इसके अलावा प्रचलित शब्दों को लिखने में भी चूक की गई है। जैसे कि 'अर्थशास्त्रियों' को 'अर्थशास्त्रीयों' लिखा गया है। इसी तरह कांग्रेस का घोषणापत्र 'आजिविका' लिखता है, जबकि हम और आप जैसे हिंदी पढ़ने वाले अब तक 'आजीविका' कहते आ रहे हैं।

कांग्रेसी घोषणापत्र को गौर से देखने पर 'परा-चिकित्सा' जैसा अजीबोगरीब शब्द भी नज़र आया। या तो यह कोई नई रचना है, या फिर अनुवादक इसे ‘पैरा-चिकित्सा’ लिखना चाह रहा था। इतना ही नहीं इस घोषणापत्र में आंकड़े का नया रूप 'आकंडे' भी देखने को मिला। इसी तरह 'हमनें, होगें, करेगें' जैसे सामान्य शब्द लिखते समय भी सामान्य हिंदी ज्ञान का इस्तेमाल नहीं किया गया।

श्वेतक्रांति से तो हम सभी परिचित हैं, लेकिन कांग्रेस का घोषणापत्र एक नई तरह की क्रांति 'स्वेतक्रांति' की बात करता है। ढांचे और प्रौद्योगिकी के नए रूप ‘ढ़ांचे-प्रोद्योगिकी’ भी इसका हिस्सा हैं। 50 से ज्यादा पृष्ठों वाले इस घोषणापत्र के शुरुआती पृष्ठों पर ही तमाम गलतियां हैं, यदि पूरा घोषणापत्र देखा जाए तो संभवतः गलतियों से ही एक पूरा पृष्ठ भर जाए। इस बात में कोई दो राय नहीं कि गलतियां होती रहती हैं और कई बार पत्रकार भी लिखते वक़्त वर्तनी एवं व्याकरण संबंधी अशुद्धियां कर जाते हैं । लेकिन ये घोषणापत्र एक राष्ट्रीय पार्टी की है, इसे बनाने में लंबा वक्त लगा होगा । कई चरणों में इसे देखा गया होगा । कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है, जो देश का खोया गौरव लौटाने की बात कर रही है और ऐसे में यदि उस 'बात' में ही गलतियां होंगी, तो सवाल तो उठेंगे ही।