Follow Us:

CPIM ने किया 25 फीसदी बस किराया बढ़ोतरी का विरोध, कहा- फैसले को तुरंत वापस ले सरकार

पी. चंद, शिमला |

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने प्रदेश सरकार द्वारा 25 फीसदी बस किराया में बढ़ोतरी के फैसले का विरोध किया है। सीपीआईएम ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जनता पर आर्थिक बोझ डालने वाले इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाए। नहीं तो पार्टी इस जनविरोधी फैसले के विरोध में जनांदोलन करगी। सीपीएम ने कहा कि प्रदेश की बीजेपी सरकार के इस फैसले ने सरकार और इनके मंत्रियों के दोहरे चरित्र को भी उजागर किया है। परिवहन मंत्री सदा यही बयान दे रहे थे कि प्रदेश में बस किराया नहीं बढ़ाया जाएगा। लेकिन गुपचुप तरीके से चन्द ऑपरेटरों के दबाव में आकर बस किराया वृद्धि को अंजाम देकर प्रदेशवासियों के साथ इस संकट की घड़ी में बड़ा धोखा किया है।

माकपा नेता संजय चौहान ने कहा कि कोविड19 के चलते सरकार द्वारा लॉकडाउन और कर्फ्यू के कारण आज देश और प्रदेश में करीब साढ़े तीन माह से अधिक समय बीत गया है और इस दौरान लगभग हर क्षेत्र प्रभावित हुए हैं और बड़े पैमाने पर रोजगार समाप्त हुआ है। प्रदेश में लगभग सभी क्षेत्र जिनमें उद्योग, पर्यटन, कृषि, ट्रांसपोर्ट, कारोबार, वाणिज्य, दुकानदार आदि सभी बुरी तरह से इससे प्रभावित हुए है और सरकार से राहत की दरकार में है। इस दौरान प्रदेश में भी लाखों लोगों को रोजगार से वंचित होना पड़ा है और इनके समक्ष रोजी रोटी का बड़ा संकट हो गया है।

उन्होंने कहा कि इस विषम परिस्थिति में जनता सरकार से राहत की दरकार कर रही है। परन्तु ऐसे निर्णयों से राहत तो दूर सरकार ने इन तीन महीनों में राशन, पानी, बिजली, डीज़ल, पेट्रोल, प्रॉपर्टी टैक्स, मालभाड़ा, कूड़ा उठाने की फीस आदि में वृद्धि कर जनता पर आर्थिक बोझ डालने का काम ही किया है। सरकार ने राशन में दिया जा रहा 80 करोड़ व बिजली में 100 करोड़ रुपये के उपदान को समाप्त कर दिया है। डीज़ल व पेट्रोल की कीमतों में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की है। जिससे मालभाड़े में 20 से 25 प्रतिशत तक कि वृद्धि मालवाहकों के द्वारा की गई है। इससे महंगाई की मार जनता पर पड़ी है। ऐसे में जनता का जब रोजगार चला गया है और कारोबार बिल्कुल बन्द रहा है तो इस विषम परिस्थिति में सरकार राहत देने के बजाय सेवाओं की दरों में वृद्धि कर जनता पर महंगाई बड़ा कर आर्थिक बोझ और अधिक बड़ा रही है।

माकपा सरकार से मांग करती है कि इस बस किराया वृद्धि को तुरंत वापस ले और राशन और बिजली में दिए जा रहे उपदान की कटौती ओर पानी, प्रॉपर्टी टैक्स, कूड़े आदि की फीस ने की गई वृद्धि को वापस ले। प्रदेशवासियों को राहत प्रदान करने के लिए आयकर के दायरे से बाहर सभी परिवारों को 7500 प्रति माह आगामी 6 माह तक दिये जायें और प्रति व्यक्ति 10 किलोग्राम राशन मुफ़्त उपलब्ध करवा कर सरकार अपना इस संकट काल मे अपना संवैधानिक उत्तरदायित्व का वहन कर प्रदेशवासियों को राहत प्रदान करें।