शिमला माकपा ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों को जन भावनाओं के खिलाफ बताया है। जिसको लेकर माकपा ने धरना दिया और NGT के आदेशों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जिसमें NGT के मुद्दे को लेकर विरोध जताया गया। माकपा का कहना है कि NGT ने जो तुगलकी फरमान भवन निर्माण के लिए दिया है वह जनता के हितों के खिलाफ है।
जनता 16 नवंबर के NGT के फैसले से काफी नाराज है। पर्यावरण की सुरक्षा और शिमला की हरियाली के नाम पर NGT ने जो फैसला जनता पर थोपा है इससे किसी का भला होने वाला नही है उल्टा इससे शिमला का विकास रुक जाएगा। यदि शिमला में निर्माण कार्य बन्द हो गया तो शिमला पिछड़ जाएगा।
माकपा के मुताबिक NGT ने आदेश में कहा है कि ढाई मंज़िल से ज्यादा भवन निर्माण नही होगा। ऐसे में स्मार्ट सिटी शिमला के लिए जो 1500 करोड़ आना है उसका इस्तेमाल कैसे किया जाएगा। क्योंकि कोर एरिया में ही तो मल्टीप्लेक्स बिल्डिंग बननी है। उन्होंने कहा कि ये लड़ाई नागरिक सभा की ही नही है बल्कि जनता और सरकार की भी है।
सरकार कोर्ट में जाकर अपना पक्ष रख सकती है या केन्द्र सरकार के ध्यान में भी इस मामले को लाया जाए। लेकिन अभी तक सरकार इस मामले में असफल सिद्ध हुई है। यदि सरकार आगे भी इस मुद्दे पर उचित कदम नहीं उठाती है तो माकपा जनता को लामबंद कर इसके खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ेगी।