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हिमाचल के डॉ. पॉल को वह सम्मान मिला है, जो UN में किसी भारतीय को नहीं मिला था

समाचार फर्स्ट डेस्क |

हिमाचल प्रदेश है तो वैसे बहुत ही छोटा राज्य। आबादी भी बहुत कम। लेकिन, विश्व के हर क्षेत्र में एक नामचीन हस्ती हिमाचल से जरूर निकल आती हैं। हिमाचल के लाल डॉक्टर विनोद पॉल का नाम कौन नहीं जानता। उन्होंने अपने सेवा से देश का नाम विश्व के हर प्लेट-फॉर्म पर ऊंचा उठाया है। डॉक्टर पॉल को शुक्रवार जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र संघ की तरफ से प्रतिष्ठित 'इहसान डॉगरामाकी  फैमि‍ली हेल्‍थ फाउंडेशन' पुरस्‍कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार हासिल करने वाले डॉक्टर विनोद पॉल पहले भारतीय हैं।

(तस्वीर सौ.- ट्वीटर)

जनवरी 2018 में ही डॉक्टर पॉल को इस विशिष्ठ सम्मान के लिए चुना गया था। फैमिली हेल्थ के क्षेत्र में उनकी महत्पूर्ण योगदान को देखते हुए ही 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' ने उनके नाम पर मुहर लगाया था। इस पुरस्कार की रेस में अल्जीरिया, चीन, मलेशिया, मेक्सिको, रूस और उज़्बेकिस्तान से भी हस्तियां थीं। लेकिन, स्वास्थ्य के क्षेत्र में इन देशों के लोगों पर डॉक्टर पॉल का काम काफी बेहतर रहा है। 

WHO ने माना है कि डॉक्टर विनोद पॉल एक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चिकित्सक, रिसर्चर, शिक्षक और फैमिली हेल्थ के क्षेत्र के एक अच्छे योद्धा हैं। इन्होंने पब्लिक हेल्थ के क्षेत्र में कई आयाम को छू लिया है।

डॉक्टर विनोद पॉल की कार्यशैली और उनके एक्सपर्टीज को देखते हुए ही उन्हें 'नीति आयोग' का सदस्य बनाया गया है। बतौर नीति आयोग के सदस्य रहते हुए डॉ. पॉल ने स्वास्थ्य योजनाओं में बीमा की पॉलिसी का विस्तार किया। जिसे आज 'मोदी केयर' के नाम से जाना जाता है। यह योजना बहुत जल्द ही देश भर के 10 करोड़ परिवारों के लिए लागू होने जा रही है।