Follow Us:

शिक्षा मंत्री ने किया विपक्ष के आरोपों का खंडन, बोले- कांग्रेस ठीक से नहीं निभा पा रही विपक्ष की भूमिका

पी. चंद, शिमला |

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने नेता प्रतिपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी विपक्ष की भूमिका ठीक से नहीं निभा पा रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस की नीति का अख्तियार करती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा पहले ही कहा गया है कि भ्रष्टाचार को किसी भी स्तर पर सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पूरे मामले की जांच के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। पार्टी अध्यक्ष ने नैतिकता के आधार पर अपना त्यागपत्र दिया है ताकि सही ढंग से मामले की जांच हो सके।

उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी के नेता अपने आप को कांग्रेस में ऊंचा दिखाने के लिए बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं । कांग्रेस पार्टी में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगी हुई है। कांग्रेस पार्टी के पास कोई मुद्दा न होने पर बेबुनियाद आरोप पर आरोप सरकार पर लगा रही है जो एक गंभीर विपक्ष की पहचान नहीं है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा लिया गया निर्णय भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति कायम करती हैं।

मंत्री ने कहा कि आज के समय में प्रदेश सरकार द्वारा जहां भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन लिए जा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस पार्टी को घोटाले नजर आ रहे हैं जो एक जिम्मेदार विपक्ष की पहचान नहीं है। नेता प्रतिपक्ष का काम ही विपक्ष में बोलना है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों की फेरबदल सरकार उपयोगिता के हिसाब से निर्णय करती है कि किस अधिकारी की तैनाती कौन से पद पर करनी है। इस विषय पर विपक्ष की टिप्पणी करने का कोई भी औचित्य नहीं है।

बता दें कि नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले को लेकर लगातार सरकार पर हमला बोल रहे हैं। अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य घोटाले को दफन करने के लिए कोर्ट में पक्ष सही तरीके से पेश नहीं किया जिस वजह से निदेशक, स्वास्थ्य सेवायें, को जमानत मिल गई। सरकार ने जांच को स्वास्थ्य निदेशक की गिरफ्तारी से आगे नहीं जाने दिया और मामले में लीपापोती कर डाली।

नेता विपक्ष ने कहा कि भाजपा के अढ़ाई साल स्वास्थ्य घोटालों में निकल गए। पहले पत्र बम में भी स्वास्थ्य घोटालों का उल्लेख था। उसके बाद सीएमओ के माध्यम से सवा सौ करोड़ की स्वास्थ्य खरीद पर विधानसभा में हंगामा हुआ। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री भी इसी दौरान बदल दिए गए और उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बना दिया गया। अब पार्टी अध्यक्ष को स्वास्थ्य घोटाले में हटाने पर बवाल मचा। अब अफसरशाही को ताश के पत्तों की तरह फेंटा जा रहा है।