ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने बिजली विभाग में सुधार के संकेत दिए हैं। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि बिजली विभाग हिमाचल की आर्थिकी का अहम स्रोत है। 11 फ़ीसदी पावर जनरेशन बड़ा है। हिमाचल में बिजली उत्पादन बढ़ रहा है जबकि मांग घट रही है। नतीज़तन हिमाचल को कम फ़ायदा बिजली उत्पादन का हो रहा है। इसके अलावा छोटी बिजली परियोजनाओं में कम लोग पैसा लगा रहे है क्योंकि पर्यावरण विभाग से क्लीयरेंस नहीं मिल पाती है। हिमाचल प्रदेश में 26000 मेगावॉट बिजली उत्पादन की क्षमता है।
8000 पर काम जारी है। हिमाचल में सरप्लस बिजली है। बाबजूद उसके हिमाचल में बिजली कट लगते हैं। जिसको रोकना प्राथमिकता रहेगी। वहीं, ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली उत्पादन में लेबर कोस्ट ज्यादा है उसको कम करना जरूरी है। मैन पावर को कम करना प्राथमिकता होगी।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पंजाब के साथ भाखड़ा में हिमाचल को जो शेयर है 2900 करोड़ है उसको लेना है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट में इस मसले को उठाया जायेगा। पंजाब ऐसे तो पैसा देगा नहीं उसके बदले नई व्यवस्था पर विचार किया जाएगा की उनसे बिजली ले या फिर कोई और रास्ता निकाला जाएगा।