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MBBS दाख़िला: सरकार पर धांधली का आरोप, बाली बोले- जारी करो श्वेत पत्र

मृत्युंजय पुरी, धर्मशाला |

हिमाचल सरकार के एक बाद एक विवादित फैसलों ने उसकी फजीहत कर रखी है। एमबीबीएस दाखिला मामले में कोर्ट से फटकार के बाद पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जीएस बाली ने सरकार को निशाने पर ले लिया है।

हाईकोर्ट ने प्रदेश से बाहर निजी व्यवसाय करने वाले अभिभावकों के बच्चों को एमबीबीएस कक्षाओं में दाखिले के लिए प्रदेश सरकार द्वारा छूट न देना असंवैधानिक बताया है। इसी कड़ी में बुधवार को पूर्व मंत्री जीएस बाली ने कहा कि हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया है वह उसका सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश से बाहर नौकरी करने वाले अभिभावकों के बच्चों को एमबीबीएस में दाखिला न देना असंवैधानिक है। उन्होंने कहा की सरकार ने कोर्ट मे दलील दी थी की हिमाचल से बाहर गये लोगों के बच्चों को एमबीबीएस के कोटे में दाखिला नहीं दिया जाएगा। सरकार की इस दलील को कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

जारी करो श्वेत पत्र

वहीं, जीएस बाली ने कहा कि सरकार को इस मामले में स्वेत पत्र जारी करना चाहिए। ताकि पता चल सके कि इस फैसले के तहत किन लोगों ने फायदा लिया। सरकार के बिना सोचे-समझे लिए गए इस फैंसले से जिन छात्रों का कैरियर खराब हुआ है क्या सरकार उसका उन्हें मुआबजा देगी…। सरकार ने हिमाचल के युवा के भविष्य के साथ बेईमानी की है। उन्होंने कहा कि इस मामले को कैबिनेट में लाने वाले अधिकारियों की भी जांच होनी चाहिए। वहीं, इस मामले से जुड़े कैबिनेट के नोट और कैबिनेट के एजंडे को भी सामने लाया जाए।

सरकार पर धांधली का आरोप

जीएस बाली ने कहा की सरकार पर धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने बिना लीगल राय लिए बिना यह फैसला कैसे लिया। इस मामले की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक नहीं बल्कि मॉरल बेइमानी है। सरकार ने किन लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए कैबिनेट में यह फैसला लिया…? उन्होंने कहा कि सरकार के लिए ये शर्म की बात है कि हिमाचल में लोगों को रोजगार ना मिलने से उनको बाहर जाना पड़ा। उन लोगों ने प्रदेश की एकॉनोमी को बूस्ट किया है।