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जनमंच में अधिकारियों का रिमांड हुआ आम, विधानसभा उपाध्यक्ष का फूटा गुस्सा

मनोज धीमान |

बीजेपी के जनमंच कार्यक्रम में अधिकारियों को फटकार आम हो चुकी है। आए दिन मंत्रियों-नेताओं का पारा हाई होना वाजिब होता जा रहा है जिसकी सज़ा अधिकारियों की भुगतनी पड़ती है। इसमें ग़लती नेताओं की है या अधिकारियों की… ये तो सरकार के मुखिया या जनता ही बता सकती है।

ताजे मामले में विधानसभा उपाध्यक्ष को उस समय गुस्सा आ गया जब वे पांवटा साहिब के अंबोया पंचायत में जनमंच कार्यक्रम कर रहे थे। अचानक उन्हें विद्युत विभाग के एसडीओ का व्यवहार पर गुस्सा आ गया और वे उन्हें हड़काने लगे। हंसराज ने कहा कि उनका व्यवहार नेता के साथ ही सही नहीं है तो जनता के साथ कैसे सही होगा। साथ ही उन्होंने एक्सियन को उनका व्यवहार ठीक करने की हिदायत दी।

उन्होंने कहा कि अग़र ऐसा नहीं हुआ तो एसडीओ को चार्जशीट करें औऱ सस्पेंड करवाएं। इन्हें वक़्त रहते समझाएई नहीं तो मुझे कई तरीक़े आते हैं। इसके साथ ही उपाध्यक्ष ने कई समस्याओं को निपटारा भी किया।

याद रहे कि आम जनता की बात माने तो उन्हें अक्सर दफ्तरों की चक्कर काटने पड़ते हैं। अधिकांश अधिकारियों-कर्मचारियों का लहज़ा कुछ ऐसा रहता है कि मानों अग़र जी हजुरी से बात नहीं की तो उनका काम जल्द नहीं होने वाला। वहीं, जब ये अधिकारी नेताओं के सामने आते हैं तो नेता अलग तरह का रवैया अपनाते हैं। ऐसे में ग़लत कहां से हो रहा है ये बताया फ़िलहाल मुश्किल है।