प्रदेश की जयराम सरकार अपने हाथों की गई नियुक्तियों को लेकर बैकफुट पर आ गई है। बिना सोचे समझे की गई इन नियुक्तियों को लेकर सरकार की खूब फजियत हो रही है। सरकार ने पांच महीने पहले कर्मचारी नेता सुरेंद्र ठाकुर को कामगार बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया था। नियुक्ति के बाद बाकायदा इसकी नोटिफिकेशन भी जारी की थी। लेकिन पांच महीने बीत जाने के बाद भी उन्हे सरकारी नोकरी से रिलीव नहीं किया गया है।
जब तक सुरेंद्र ठाकुर सरकारी नोकरी से रिलीव नहीं होते और उन्हें स्वेच्छिक सेवानिवृती नहीं दी जाती तब तक वह कामगार बोर्ड के अध्यक्ष पद पर नहीं बैठ सकते। नोकरी से रिलीव न मिलने से जहां एक तरफ सुरेंद्र ठाकुर का इंतजार लंबा हो गय़ा है वहीं दूसरी तरफ कामगार बोर्ड बिना अध्यक्ष के सरकार को चिड़ा रहा है।
हिमुडा निदेशक अनुपाल चौहान की छुट्टी
बता दें कि प्रदेश सरकार ने दस दिन पहले हिमुडा के निदेशक पद पर अनुपाल चौहान की नियुक्ति की थी। इस नियुक्ति पर शुरू से ही सवाल उठ रहे थे। समाचार फर्स्ट ने भी इस नियुक्ति को लेकर शिमला में चल रही अंदरूनी कलह को उजागर किया था। अपनों के विरोध की चिंगारी कहीं आग का रूप धारण न कर ले इससे पहले ही सरकार ने अनुपाल चौहान की नियुक्ति को निरस्त कर दिया है।
अनुपाल को लेकर कहा गया कि वह भाजपा के प्रथमिक सदस्य तक नही है और पैसे के दम पर उनकी नियुक्ति हो गई। पहले सरकार द्वारा की गई नियुक्ति और दस दिन में ही नियुक्ति को निरस्त करना सरकार कि कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है।