हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से धर्मशाला स्थित तपोवन में शुरू हो गया है। सत्र का पहला ही दिन काफी हंगामेदार रहा। एक ओर जहां सदन के बाहर हजारों लोगों की भीड़ सवर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर विधानसभा परिसर के बाहर पहुंची तो वहीं दूसरी तरफ सदन के अंदर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जिसे सरकार ने रद्द कर दिया । इससे गुस्साए विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। जिसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्ष के 23 विधायकों ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया। लेकिन सरकार ने इस अविशवास प्रस्ताव को रद्द कर दिया। मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ये सरकार क्रेडेबिलिटी खो चुकी है। प्रदेश की जनता ने भी इस सरकार को रिजेक्ट कर दिया है। इसलिए इस सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। विपक्ष इन मुद्दों पर चर्चा करने की मांग कर रहा है लेकिन सरकार इन मुद्दों पर बात नहीं करना चाहती।
अग्निहोत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार ने पूरे प्रदेश को कर्ज में डुबो दिया है। महंगाई चरम पर पहुंच चुकी है। आउटसोर्स, करूणामूलकों और पुलिस कर्मियों के साथ सरकार अन्याय कर रही है। घोषणाओं के बाद भी कोई काम धरातल पर नहीं हुआ है। किसानों को जमीन का मुआवजा नहीं दिया गया। चारों तरफ आरजक्ता का माहौल हो गया है। सरकार की इन्हीं नीतियों के खिलाफ हम अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे। हमारे विधायकों की संख्या भी पूरी थी लेकिन बावजूद इसके सरकार ने इस अविश्वास प्रस्ताव को रद्द कर दिया है।