Follow Us:

कांग्रेस के 5 विधायकों को सस्पेंड कर सरकार ने दिया हुकूमत की तानाशाही का सबूत : पठानिया

मृत्युंजय पुरी |

प्रदेश कांग्रेस महासचिव केवल सिंह पठानिया ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पूरे अभिभाषण को पढ़ने के बजाय सिर्फ दो पन्ने पढ़कर बाकी अभिभाषण की आखिरी लाईन पढ़ डाली, जो विपक्ष को रास न आया । विपक्ष की मंशा थी कि महामहिम राज्यपाल से आशा रखते थे कि प्रदेश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और बजट ओर किसान आन्दोल के बारे में कुछ बोलते। लेकिन जब राज्यपाल से मिलने के लिए विपक्ष के सदस्य सदन के बाहर राज्यपाल की गाड़ी के पास खड़े हुए तो सरकार ने अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए सदन के बाहर हुई बार्दात को तुल दिया ताकि विपक्ष को बदनाम करके, जनता का ध्यान भटकाया जाए ।

पठानिया ने कहा कि कांग्रेस विचारधारा संविधान के प्रति हमेशा, ईमानदार रही है और संविधान और महामहीम राज्यपाल का मान सम्मान करती आ रही है, और सदा करती रहेगी। संविधान में राज्यपाल सम्मानित और उच्च कोटि का दर्जा है, इसे किसी भी पार्टी से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। जिस तरह भाजपा महामहीम राज्यपाल को अपनी पार्टी से जोड़ कर देख रही है। उन्होंने कहा लोकतन्त्र प्रणाली में विपक्ष अपनी बात रखने के लिए महामहीम राज्यपाल के समाने खड़ा हो सकता है, और सरकार के प्रति अपनी आवाज उठा सकता है। 

प्रदेश कांग्रेस महासचिव ने मुख्यमंत्री और भाजपा मंत्रियों द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों की कड़ी निद्दा की। उन्होंने कहा कि मीडिया की तस्वीरों से साफ पता चल रहा है, विपक्ष ने नेता मुकेश अग्निहोत्री सिर्फ अपने विधायकों सहित, अपनी बात रखने के लिए नारेबाजी कर रहे थे, न कि किसी ने माननीय महामहीम राज्यपाल की गाड़ी को छुआ न तोड़ने की कोशिश की, न ही कोई विपक्ष के नेता महामहीम राज्यपाल को छुआ। उल्टा भाजपा के मंत्रियों और विधानसभा के उपाध्यक्ष ने सरेआम धक्का मुक्की की और विपक्ष के नेता की गिरेवान में हाथ डाला और धक्के से दूर फेंकते नजर आये। उस समय विपक्ष के नेता ने अपने आप को बचाते हुए, जैसे तेसे हो कर खड़े रहे और जमीन से गिरते हुए बचे।

उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के मुद्दों, मामलों, शिकायतों व समस्याओं से सरकार लगातार भागती आई है और अब सरकार ने तानाशाह रवैये का परिचय देते हुए विधानसभा सत्र में विपक्ष की आवाज को कुचलना चाहा है, जिसके चलते 5 विधायकों को सस्पेंड करके हुकूमत की तानाशाही का सबूत दिया है। क्यों नहीं माननीय विधान सभा अध्यक्ष ने भाजपा पार्टी के मंत्रियों और उपाध्यक्ष पर कारवाई अमल लाई, जो सरेआम लोकतन्त्र की हत्या है, हर मोर्चे पर फेल हो चुकी सरकार अपनी हर जिम्मेदारी व जवाबदेही से भागती हुई किसी भी बात पर चर्चा नहीं करना चाहती है। 

पठानिया ने कहा कि विधानसभा सत्र के पहले दिन सरकार के लोगों ने खुद विपक्ष को विरोध करने पर इंस्टीगेट किया। हंगामा भी सरकार की तरफ से ही बरपा जिसपर सरकार ने सत्ता का दुरूपयोग कर विपक्ष के पांच विधायकों को सस्पेंड कर अपनी तानाशाही का परिचय दिया। केंद्र की तर्ज पर अब प्रदेश सरकार भी शांतिपूर्ण किए जाने वाले प्रोटेस्ट को सहन नहीं कर पा रही है और हंगामा करने का बहाना ढूंढती है। क्या सरकार अपनी कमजोरियों को छिपाना व दबाना चाह रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार सत्ता के धौंस-दबाव में जनता की आवाज उठा रहे विपक्ष को डराने का प्रयास कर रही है लेकिन सरकार यह न भूले कि विपक्ष प्रदेश की जनता की आवाज है और यह आवाज किसी धौंस-दबाव से दबने वाली नहीं है। कांग्रेस पार्टी कभी भी जनता की अबाज़ को दबने नही देंगे और कांग्रेस पार्टी जनता की अबाज़ हमेशा उठाती ही रहेगी। कांग्रेस पार्टी ने महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंप कर मांग की है कि विपक्ष के पांचों विधायकों को बहाल करें और लोकतांत्रिक प्रणाली को बचाकर रखने का प्रयास करें। सत्ता पक्ष की घिनोनी हरकत के लिए कोई ठोस कदम उठाए।