धर्मशाला में सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए चिन्हित जमीन को जियोलॉजिकली फिट नहीं बताए जाने पर पूर्व मंत्री जीएस बाली बुरी तरह बिगड़ गए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने एक दशक से अधर में लटकी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कैंपस को लेकर राज्य और केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है. जीएस बाली ने केंद्र और राज्य सरकार पर स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने और व्यक्तिगत राजनीतिक महत्वाकांक्षा में शिक्षा का सत्यानाश करने का आरोप लगाया है. उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए राज्य की जयराम सरकार और केंद्र की मोदी सरकार को आईना भी दिखाया है. जीएस बाली ने अपने कार्यकाल में शिक्षा क्षेत्र में किए गए कार्यों का भी हवाला दिया है.
जीएस बाली ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा है, “शिक्षण संस्थान तुष्टिकरण के लिए नही होते. इन्हें एक जगह ही बनाया जाना चाहिए. इसी में छात्र हित है. परन्तु तात्कालिक भाजपा सरकार ने इसे दो जगह धर्मशाला और देहरा के फेर में फंसाया. फिर भी आज दशक बीत जाने पर इसका भविष्य और निर्माण एक प्रश्नचिन्ह है. जब यह तय हो गया कि 50-50 के हिसाब से यह धर्मशाला और देहरा में यूनिवर्सिटी बनेगी..तब आज रिपोर्ट जारी करके कहा जा रहा है कि धर्मशाला में जो जमीन इस यूनिवर्सिटी के लिए देखी गई है वो जियोलॉजिकली फिट नही है. हैरानी की बात है केंद्रीय लोक निर्माण विभाग से मास्टर प्लान बनवा लिए जाने के बाद अब यह कहा जा रहा है. इतने वर्षों तक यह फिटनेस टेस्ट क्यों नही हुए?”
गौरतलब है कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी को देहरा और धर्मशाला के दो कैंपसों में तैयार करने का फैसला किया गया था. हालांकि, बाली ने इस पहल को भी तुष्टिकरण बताया था और अब इतने साल बीत जाने के बाद भी जब धर्मशाला कैंपस के अस्तित्व पर ग्रहण छा गया है, तब जीएस बाली ने अपनी सख्त आपत्ति जाहिर की है. सवाल खड़े करते हुए पूर्व मंत्री ने पूछा है कि CPWD से मास्टर प्लान किस आधार पर बनवाया गया ? किस आधार पर इतना पैसा खर्च किया गया?
बाली ने आरोप लगाया है कि एक बार फिर इस यूनिवर्सिटी को राजनीति के फेर में फंसाया जा रहा है। पूर्व मंत्री ने कहा है, “केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का इस यूनिवर्सिटी पर आपसी विरोधाभास खुलकर जनता के सामने आया था। उस विरोधाभास की सजा छात्र और एक संस्थान आज फिर भुगतने की कगार पर है. पहले कांग्रेस की सरकार को इस संस्थान के निर्माण की देरी के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता रहा. परन्तु आज डबल इंजन की सरकार 4 वर्ष बीत जाने पर भी एकमत होकर एक इस संस्थान के निर्माण को को नही करा पा रही है. और अब धर्मशाला की जमीन सही न होने का नया शिगूफा सामने लाया जा रहा है.”
जीएस बाली ने कहा है कि बीजेपी नेताओं को आपसी रंजिश से बाहर आकर छात्र हितों के लिए अपना शह व मात का कोल्ड वॉर बंद करना चाहिए. उदाहरण देते हुए बाली ने अपने कार्यकाल में नगरोटा बगंवा इंजीनियरिंग कॉलेज के कैंपस का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि नगरोटा बगवां का इंजीनियरिंग कॉलेज का कैंपस महज ढाई साल में उन्होंने खड़ा करा दिया था. यही नहीं अपने कार्यकाल में हाईड्रो कॉलेज बिलासपुर की नगरोटा बगवां के इंजीनियरिंग कॉलेज में चलाए जाने का भी उन्होंने उल्लेख किया है. बाली ने आरोप लगाया है कि इस पहल को भी बीजेपी नेताओं ने अलग रंग देने की कोशिश की थी.
पोस्ट के आखिर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जीएस बाली ने बीजेपी नेताओं को आपसी खींचतान से बाज आने और पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कैंपस निर्माण कराने की बात कही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं को शिगूफेबाजी से बाज आकर छात्र और प्रदेश के हित पर ध्यान देना चाहिए.
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