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धारा 118 को हटाने की चर्चा पर GS बाली ने जताया रोष, सरकार को दी हिदायत

समाचार फर्स्ट डेस्क |

अनुच्छेद 370 हटाने के बाद हिमाचल में धारा 118 को हटाने की चर्चा जोरों पर है। हालांकि मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा है कि हिमाचल में धारा 118 से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। लेकिन लगातार बढ़ रही मांगों पर कांग्रेस के नेता रोष जता रहे हैं।

इसी कड़ी में पूर्व मंत्री जीएस बाली ने अपने फेसबुक अकांउट पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि पूरा हिमाचल एक स्वर में कह रहा है कि धारा 118 के साथ छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। राज्य सरकार को चाहिए कि जनता को भावनाओं को समझे और हिमाचल के हित को ध्यान में रखते हुए ऐसी कोई कोशिश ना करें जिससे कल को पछताना पड़े। यह सही है कि कुछ अड़चनों और फिजूल की एनओसी के चक्कर में फंसकर निवेशक हतोत्साहित होते हैं। लेकिन इसका मतलब यह हरगिज नहीं है कि आप इस धारा को ही खत्म कर दो।

पूर्व मंत्री ने कहा है कि हम विपक्ष के रूप में चर्चा करने को तैयार हैं कि हिमाचल में निवेश कैसे बढ़ाया जा सकता है। अगर आपको 118 में ही कुछ दिक्कतें नजर आती हैं तो विधानसभा में बात कीजिए, हमारी पार्टी के विधायक चर्चा करेंगे। आप जनता से सुझाव आमंत्रित कीजिये। आप ऐसा नहीं कर सकते कि प्रदेश को अंधेरे में रखकर चुपके से कोई नियम बदल दें। इस तरह के कामों से जनता का अपने विधायकों से भरोसा उठता है। कानून बनाने का काम और उसमें बदलाव लाने का काम विधानसभा का है। खासकर जो कानून हिमाचल का आधार हैं, उनसे तो आपको मनमर्जी नहीं करने दी जाएगी। ये राजनीति का नहीं हमारी भावनाओं का मुद्दा है।

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद अब हिमाचल प्रदेश से भी धारा 118 हटाने की चर्चा जोरों पर है। यहां तक कि हैदराबाद से कांग्रेस सांसद असदुद्दीन ओवैसी और पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम और सांसद सुखबीर सिंह बादल ने भी मांग की है कि हिमाचल में जमीन खरीदने पर लगी रोक हटनी चाहिए। हिमाचल में धारा 118 को हटाया जाए ताकि बाहरी राज्यों के लोग भी हिमाचल में जमीन खरीद सकें। उनके इस बयान के बाद पूरे हिमाचल में धारा 118 को लेकर तनाव पैदा हो गया है और विपक्ष भी इसका कड़े शब्दों में विरोध कर रहा है।