<p>हिमाचल के पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली ने नूरपुर बस हादसे पर दुख जताते हुए सरकार को कुछ सलाह दी है। समाचार फर्स्ट से बातचीत में जीएस बाली ने मासूमों की मौत पर गहरा शोक जाहिर किया। उन्होंने कहा कि नूरपुर की घटना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। मामले में मुख्यमंत्री मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन जरूरी होगा कि सरकार परिवहन क्षेत्र में नियम-कायदों को मज़बूती से लागू करे।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>सेफ्टी फंड का हो सही से इस्तेमाल </strong></span></p>
<p>जीएस बाली ने कहा कि पहाड़ी इलाकों के लिए मिलने वाले सेफ्टी फंड का इस्तेमाल उसी रूप में होना चाहिए। जितने लोग युद्ध में नहीं मरते उतनी संख्या में दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में कई मानकों पर इसे रोकने की कोशिश की गई थी। जरूरी है कि सरकार उन तमाम पहल को आगे बढ़ाए।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>परिवहन सेक्टर को दुरूस्त रहने के तरीके </strong></span></p>
<p>जीएस बाली ने परिवहन सेक्टर में हालात को ठीक रखने के लिए कुछ बिंदुओं पर ध्यान देने की बात कही है। समाचार फर्स्ट के एक सवाल के जवाब में बाली ने कहा कि जरूरी है कि सरकार ख़ास तौर पर प्राइवेट सेक्टर के ट्रांसपोर्टरों और स्कूल बसों पर निगरानी रखे। इसके लिए उन्होंने कुछ जरूरी एहतियात बताए,</p>
<p><span style=”color:#8e44ad”><strong>1. स्कूल बसों की प्रॉपर जांच हो</strong></span></p>
<p>बाली ने कहा कि स्कूल बसों की प्रॉपर जांच होनी चाहिए कि उनकी स्थिति सही या भी या नहीं। संबंधित विभाग के अधिकारी तमाम स्कूलों में संचालित परिवहन व्यवस्था का मूल्यांकन करते रहें।</p>
<p><strong><span style=”color:#8e44ad”>2. ड्राइवर रखते वक़्त टेस्ट जरूरी </span></strong></p>
<p>जीएस बाली ने कहा कि अगर प्राइवेट सेक्टर या ख़ासकर स्कूल की बसों में ड्राइवर नियुक्त किए जा रहे हों, तो उन्हें जांच-परख कर रखा जाए। क्योंकि, ड्राइवर के हाथ में स्टेयरिंग सिर्फ बस की नहीं होती, बल्कि उसमें सवार लोगों की जिदंगियों की होती है। ड्राइवर के टेंपरामेंट को भी देखना जरूरी होता है। नशा करने वाले और शॉर्ट टेंपर्ड ड्राइवरों को दूर ही रखें.</p>
<p><span style=”color:#8e44ad”><strong>3. आरटीओ अपना काम ईमानदारी से करे </strong></span></p>
<p>पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली का कहना है कि परिवहन सेक्टर में कानून-व्यवस्था को लागू करने में आरटीओ का विशेष योगदान रहता है। लिहाजा, जरूरी है कि आरटीओ के अधिकारी अपना काम जिम्मेदारी से करें। उनकी एक गैर-जिम्मेदारी कई जिदंगियों को तबाह कर सकती है। ऐसे में जरूरी है कि आरटीओ ख़ास तौर पर मुस्तैद रहे। </p>
<p><span style=”color:#8e44ad”><strong>4. लोगों को रहना होगा जागरूक </strong></span></p>
<p>जीएस बाली का कहना था कि कुल मिलाकर नागरिकों को अपने अधिकार और ड्यूटीज समझने होंगे। आम नागरिक और अभिभावकों को भी ताकीद करनी होगी कि यात्रा के वक्त चालक बद्तमीजी तो नहीं करता। नशा तो नहीं करता है। ख़ासकर स्कूल बसों के मामले में पैरेंट्स को ज्यादा सतर्क रहना होगा। जो स्कूल बस उनके बच्चे को ले जाती है वह सही है या नहीं है। ड्राइवर सही ढंग से चलाता है या नहीं। बच्चों से बात करें और फीडबैक लें और अगर आपको गड़बड़ लगती है तो स्कूल प्रबंधन या फिर संबंधित विभाग से शिकायत करें।</p>
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