नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश में उपचुनावों में जिताऊ उम्मीदवारों के लिए माथापच्ची कर रहे कांग्रेस नेताओं के बीच आपसी तनाव की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। पहले प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर और पार्टी के वरिष्ठ नेता राम लाल ठाकुर के बीच तू-तू मैं-मैं की खबर आई थी अब दिल्ली में कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य को लेकर गहन चर्चा होने और फिर उन्हें पार्टी की ओर से संयमित रहने की सलाह दिए जाने की खबर है।
तीन विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए पार्टी किसे टिकट दे, इस पर चर्चा के लिए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री समेत राजीव शुक्ला और संजय दत्त दिल्ली में पार्टी कार्यालय पहुंचे थे। खबर है कि इस दौरान पार्टी ने उपचुनावों को लेकर चर्चा की।
खबर है कि पार्टी के शीर्ष नेताओं को यह फीडबैक मिला था कि चुनावों के इस माहौल में विक्रमादित्य सिंह का वह बयान पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है, जिसमें वह कह रहे हैं कि कांग्रेस की सरकार बनने पर कर्मचारियों को पटक-पटकर प्रदेश के कोने-कोने में भेजेंगे। इसके अलावा यह सूचना भी दिल्ली पहुंची हुई थी कि विक्रमादित्य पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया में पार्टी लाइन से इतर बयान दे रहे हैं, जिससे पार्टी के अन्य विधायकों और नेताओं में असंतोष है।
सूत्रों का कहना है कि प्रदेश के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने आलाकमान को इस बात से अवगत करवाया था कि पिछले कुछ समय से विक्रमादित्य खुद को वीरभद्र के राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर पार्टी के अन्य नेताओं से ऊपर प्रचारित करने में जुटे हैं, जिससे पार्टी को नुकसान हो सकता है।
इसी पर विक्रमादित्य को दिल्ली तलब किया गया। बताया जा रहा है कि पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं ने विक्रमादित्य को हाल ही में दिए बयान को लेकर संयमित रहने की हिदायत दी। इसके साथ ही उन्हें यह भी कहा गया है कि वह भविष्य में पार्टी लाइन से इतर कुछ न करें और किसी भी तरह का आयोजन करने से पहले प्रदेश संगठन को भरोसे में लें।
इस संबंध में जब दिल्ली गए पार्टी नेताओं से संपर्क करना चाहा तो उनमें से कुछ से संपर्क नहीं हो पाया और कुछ ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। अब इस घटनाक्रम का प्रदेश में कांग्रेस की राजनीति पर क्या असर होता है, यह आने वाले कुछ समय में ही साफ हो पाएगा।