बजट चर्चा पर काफी दिनों से चल रही गहमा-गहमी बुधवार को भी जारी रही। बुधवार को दोनों पक्षों ने बजट एक दूसरे से सवाल किये, जिसमें पक्ष-विपक्ष ने अपने पिछले कार्यकालों को दर्शाया और आरोप-प्रत्यारोप लगाए।
बीजेपी के सुरेश कश्यप ने बजट को विकासोन्मुख बताया और कहा कि इसमें हर वर्ग का ख्याल रखा गया है। इसके बावजूद भी विपक्ष को बजट का समर्थन करने में क्यूं परेशानी हो रही है? बजट में किसानों व बागवानों के लिए कई अच्छी योजनाएं हैं। किसानों के लिए बिजली दर को 1 रूपये से घटाकर 75 पैसे किया गया है। सौर उर्जा से सिंचाई का प्रावधान है। इसके अलावा जैविक खेती को बढ़ाने देने पर भी सरकार जोर दे रही है। लेकिन फिर भी विपक्ष रोना रो रही है।
इसपर कांगेस के नंदलाल ने कहा कि बजट में कोई रोडमैप नहीं है। वितीय संसाधन जुटाने के बारे बजट में उल्लेख तक नहीं है। युवाओं और बेरोजगारों के लिए सरकार ने बजट में कोई जिक्र नहीं किया है। बजट में घोषित 28 योजनाएं व्यवहारिक नहीं हैं। कांग्रेस के सुंदर सिह ठाकुर ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए प्रदेश सरकार को कुल्लू जिले के रघुनाथ मंदिर अधिग्रहण का फैसला रद्द करने के प्रदेश सरकार के फैसले की अलोचना की और कहा कि सरकार ने यह फैसला जल्दबाजी में लिया है।
वहीं, बीजेपी के किशोरी लाल ने कहा कि उनके हल्के में पूर्व सरकार ने भेदभाव किया है और मेरे हल्के का पैसा रामपुर में लगाया गया। उनके हल्के में स्कूलों में 250 पद रिक्त हैं और इसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। पूर्व सरकार ने आचार सहिंता से महज 10 दिन हफ्तें पहले उनके हलके में कई पीएचसी खोलकर लोगों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास किया है। जीत राम कटवाल ने कहा कि जिस दर से पूर्व सरकार ने कर्ज लिए, उतना विकास प्रदेश में नहीं हुआ है। धूमल सरकार में प्रति व्यक्ति आय में 63.4 फीसदी की बृद्वि हुई थी जबकि पूर्व वीरभद्र सरकार में यह 44.69 फीसदी रह गई।
कांग्रेस के पवन काजल ने कहा कि बजट में हैडपंपों का कम प्रावधान किया गया है। बजट में 1200 हैडपंप लगाने का उल्लेख है, इस हिसाब से प्रत्येक हल्के में दो दर्जन हैडपंप भी नहीं लगंगे। जबकि कांगड़ा जिला सबसे अधिक हैडपंपों पर निर्भर है।