हिमाचल विधानसभा के चुनाव को हुए एक माह का वक़्त बीत चुका है और अब चुनावी परिणामों की काउंड-डाउन शुरू हो गया है। एक महीना बीतने के बाद सोशल मीडिया और बाजार में भी चुनावी परिणामों की चर्चाएं जोरों पर होने लगी हैं, जिससे नेताओं की धड़कने तेज हो रही हैं।
लिहाजा, 18 दिसंबर को चुनाव परिणाम आने वाले हैं। लेकिन उससे पहले 14 दिसंबर तक एग्जिट पोल भी बड़ी भू्मिका निभाएगा, जिस लेकर नेताओं के दिल का चैन, रातों की नींद खो चुकी है। चुनावी परिणामों के लंबे इंतजार के बाद जीत रूपी दुल्हन के दीदार के लिए नेताओं की बेचैनी बढ़ना लाज़मी है। वैसे तो इस बार का चुनावी परिणाम काफी रोचक रहने वाला है। लेकिन 20 से 25 सीट तो ऐसी है जिस पर कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है।
वहीं, कई बड़े नेता भी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त नहीं है। कुछ नेता जनता की वोट से सत्ता तक तो पहुंचते जाते है, लेकिन कुर्सी पर पहुंचते ही जनता को भूल जाते है। ऐसे नेताओं को शायद चुनावी परिणाम की ज्यादा चिंता सता रही है। जनता खामोश है और अपने मतदान के प्रयोग को सही करने की राह देख रही है। ऐसे में नेताओ की धड़कने बढ़ना कोई नई बात नहीं।
खैर जो भी हो अब उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है औऱ जल्द ही परिणामों का दिन भी आ जाएगा। सत्ता चाहे बदलती रहे पर जनता अपना हक ही चुनेगी और पांच साल तक तो वैसे भी नेताओ को झेलना ही होता है। इसलिए भी चुनावी परिणाम तक जनता के जनादेश पर सस्पेंस बरक़रार रहना ही चाहिए।