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उप चुनाव से दूर-दूर क्यों हैं अनुराग ठाकुर ?

नवनीत बत्ता |

प्रदेश की दो सीटों पर उप-चुनाव का प्रचार प्रसार पूरे शबाब पर है। लेकिन, प्रदेश के युवा सांसद और मोदी सरकार में मंत्री अनुराग ठाकुर अभी तक प्रचार में नजर नहीं आये हैं ।

इन उपचुनावों में प्रदेश सरकार सरकार का पूरा मंत्रिमंडल और भाजपा का पूरा संगठन अपना पूरा दमखम लगाए हुए है कि चुनाव को कैसे जीता जाए । देर से ही सही पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी उपचुनाव में कूद चुके हैं । इन सबके बीच अनुराग ठाकुर का प्रचार से दूर रहना चर्चा का विषय बना हुआ है ।

पिछले कुछ घटनाक्रमों पर गौर किया जाए तो यह कहा जा सकता है कि प्रदेश सरकार कहीं ना कहीं अनुराग ठाकुर के कद को कम आंकने का प्रयास करती नजर आ रही है। यही कारण है कि जब अनुराग ठाकुर मंडी में कार्यक्रम के लिए गए थे तो उन्हें वहां भाजपा को याद दिलवाना पड़ा था कि वह मंडी जिला के दामाद भी हैं ।

इसके अलावा ऊना हमीरपुर रेलवे लाइन के लिए सरकार द्वारा वित्तीय घाटे के चलते मना कर देना भी प्रदेश के नेताओं की राजनीति का बड़ा हिस्सा माना जा रहा है।

विषेशकर धर्मशाला उपचुनाव से दूर रहना भी कई लोगों के गले नहीं उतर रहा। धर्मशाला हिमाचल प्रदेश में क्रिकेट का हब है। अनुराग ठाकुर ने कई इंटरनेशनल मैच पिछले 10 सालों से यहां आयोजित करवाया है। ऐसे में अनुराग ठाकुर की धर्मशाला उपचुनाव से दूर रहना कई लोगों के गले नहीं उतर रहा।

कहने को अनुराग ठाकुर बेशक स्टार प्रचारकों की सूची में है। लेकिन प्रदेश में हो रहे उपचुनाव में कहीं भी स्टार प्रचारक की भूमिका में नजर नहीं आ रहे। प्रदेश में युवा वर्ग के बीच अनुराग की लोकप्रियता जगजाहिर है। इसके बावजूद केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री का प्रचार से दूर रहना बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकती है। प्रदेश बीजेपी इसकी भरपाई कैसे करती है, इस पर जरुर लोगों की नजर रहेगी ।