सब्र कीजिये नये नवेले “नेताजी” (भावी विधायक जी) मीटिंग में हैं – PA

<p>अभी सर बिजी हैं … ! अभी सर मीटिंग में है …! या कई दफे दर्जनों बार फोन की घंटी बजने पर कोई जवाब नहीं । नेता जी को जानने वाले अभी संशय में हैं कि अभी तो कुछ हफ्ते पहले की ही बात है । फोन मिलाने पर नेता जी की आवाज दूसरी तरफ से आती थी । मिस्ड काल हो जाने पर नेता जी वापसी में फोन खड़का देते थे । पता किया तो पता चला कि नेता जी ने PA रख लिया है । अब वही PA ही नेता जी के फोन का जवाब देता है ।</p>

<p>हिमाचल प्रदेश में दो सीटों पर उप चुनाव हो रहे हैं और करीब दर्जन भर नेता जी इस चुनाव में अपना किस्मत आजमा रहे हैं । लेकिन इन सब के बीच एक नेता जी की चर्चा अभी उनके PA रखने को लेकर और फोन का जवाब नहीं देने को लेकर ज्यादा हो रही है । नेता जी की उम्र भी ज्यादा नहीं है । कह सकते हैं चुनावी राजनीति का ये उनका पहला इंटर्नशीप हो रहा है और इंटर्नशीप के दौरान नेताजी का रुख लोगों को चौंका भी रहा है । जनता कह रही है कि इंटर्नशीप में ये हाल है तो नौकरी लग जाने के बाद ये माननीय बन जायेंगे । फिर उन तक कैसे पहुंचेंगे ।</p>

<p>इसके साथ ही जनता के मन में ये भी चल रहा है&nbsp; कि चुनाव के वक्त तो बड़े बड़े मंत्री संत्री तक खुद फोन उठा लेते हैं । फोन करो या मिलो तो जमकर आवभगत होती है । लेकिन, ये इंटर्नशीप वाले नये रंगरुट का अंदाज सबसे जुदा लग रहा है । अभी वोटिंग भी नहीं हुई और नेता जी खुद को विधायक मान बैठे हैं । ऐसे में कहीं अगर जनता ने गच्चा दे दिया तो माननीय नेता जी की भविष्य में बुरी हालत हो सकती है ।</p>

<p>लब्बोलुआब ये है कि नेता को जनता से कभी भी कटना नहीं चाहिये । चुनाव के वक्त तो कभी नहीं । कई बार सियासत में दिखावा भी करना पड़ता है । संभवत नये नये भावी नेता जी राजनीति का ये पहला अध्याय समझ नहीं पाये हैं । देश भर में हजारों उदाहरण पड़े हैं । जहां बड़े बड़े राजनेताओं का सामाज्रय धारासायी सिर्फ इसीलिये हो गया क्योंकि वो जनता से कट गये । अभी भी देर नहीं हुई है । जब जागो तब सवेरा । नेता जी को अपने आस पास के बड़े नेताओं से ये अदा भी सिखनी चाहिये ।&nbsp;&nbsp;</p>

<p>अगर नहीं सीखते हैं तो कोई भी फैक्टर आपको चुनाव जीतवा नहीं सकता और अगर जीत भी गये तो बहुत बड़ी बात नहीं है । लोकतंत्र में कोई पद 99 साल के लिये लीज पर नहीं मिलता । आपको हर पांच साल में जनता की अदालत में जाना ही पड़ेगा और इस बार जो दर्जन भर उम्मीदवार हैं, उनको तो तीन साल बाद ही जाना है ।&nbsp; ऐसे में राजनीतिक जीवन की शुरुआत में ही राजा वाली फीलिंग बहुत हार्ड चोट पहुंचायेगी ………… जरा संभल के नेताजी !!</p>

Samachar First

Recent Posts

जीपीएस की गलती बनी जानलेवा: कार नदी में गिरी, तीन की मौत

Bareilly GPS Navigation Acciden: बरेली में  एक दर्दनाक सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत…

51 minutes ago

एनसीसी स्थापना दिवस पर मंडी में रक्तदान शिविर, 50 कैडेटों ने दिखाया उत्साह

NCC Raising Day Blood Donation Camp: एनसीसी एयर विंग और आर्मी विंग ने रविवार को…

1 hour ago

यहां पढ़ने वाले पिछले 65 साल में हर क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ रहे:धर्माणी

Sundernagar Polytechnic Alumni Meet: मंडी जिले के सुंदरनगर स्थित राजकीय बहुतकनीकी संस्थान में रविवार को…

1 hour ago

हिमाचल में सहकारिता क्षेत्र में महिलाओं के आरक्षण पर विचार कर रही सरकार: मुकेश अग्निहोत्री

Himachal Cooperative Sector Development: मंडी जिले के तरोट गांव में आयोजित हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी…

2 hours ago

जीवन में अनुशासन और समय का सदुपयोग जरूरी: पंकज शर्मा

NSS Camp Day 6 Highlights.: धर्मशाला के राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में चल रहे…

2 hours ago

राधास्वामी सत्संग अस्पताल की भूमि के लिए ऑर्डिनेंस लाएगी सुक्खू सरकार

Bhota Hospital Land Transfer: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार राधास्वामी सत्संग व्यास अस्पताल भोटा की…

5 hours ago