सुखविंदर सिंह सुक्खू मंत्रिमंडल में स्थान पाने के लिए कांग्रेस विधायकों ने दिल्ली में लाबिंग शुरू कर दी है. सोलन से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक व वीरभद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे कर्नल धनीराम शांडिल उपमुख्यमंत्री पद के लिए अड़ गए हैं. शांडिल सोमवार को दिल्ली पहुंच गए थे. उन्होंने हाईकमान के समक्ष तर्क दिया है कि मुख्यमंत्री राजपूत को बनाया गया है, जबकि उपमुख्यमंत्री ब्राह्मण है. अनुसूचित जाति वर्ग को भी सरकार में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए.
उप मुख्यमंत्री पद के लिए अड़े शांडिल…
शांडिल आरक्षित सीट से चुनाव जीते हैं. इसके साथ पूर्व सैनिक भी हैं. ऐसे में उनका दावा और ज्यादा मजबूत हो जाता है. शांडिल के अलावा सुजानपुर से विधायक राजेंद्र राणा और ठियोग से विधायक और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर भी दिल्ली में हैं. राजेंद्र राणा तीसरी बार विधायक बने हैं. 2017 के चुनाव में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को हराया था. इस बार हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से ही मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री बने हैं, ऐसे में मंत्रिमंडल में इस जिले को कितनी प्राथमिकता दी जाती है, यह देखना होगा.
कुलदीप राठौर ने भी मंत्री पद की जताई दावेदारी…
ठियोग से पहली बार विधानसभा पहुंचे कुलदीप राठौर ने भी मंत्री पद की दावेदारी जताई है. वह पहली बार चुनाव जीते हैं, लेकिन काफी समय से संगठन से जुड़े हुए हैं. पार्टी में उन्हें टिकट देने का भी विरोध हुआ था. कांग्रेस के ही असंतुष्ट नेता के मैदान में होने के बावजूद उन्होंने चुनाव जीता. कर्नल धनीराम शांडिल दो बार लोकसभा सदस्य व तीन बार विधायक रहे हैं. सोनिया गांधी जब राष्ट्रीय अध्यक्ष थीं तो वह कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य थे.
ये नेता हैं मंत्री पद की दौड़ में..
शिमला से रोहित ठाकुर, विक्रमादित्य सिंह, अनिरुद्ध सिंह, कुलदीप राठौर, कांगड़ा से सुधीर शर्मा, प्रो. चंद्र कुमार, आरएस बाली, संजय रत्न, चंबा से कुलदीप पठानिया, सोलन से धनीराम शांडिल, किन्नौर से जगत सिंह नेगी, लाहुल-स्पीति से रवि ठाकुर, सिरमौर से हर्षवर्धन चौहान, घुमारवीं से राजेश धर्माणी, हमीरपुर से राजेंद्र राणा, कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर. मंत्रिमंडल में अधिकतम 10 मंत्रियों का चयन किया जाना है.