हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों के मतदान 18 दिसंबर को आने वाले हैं। लेकिन, इस बार होने वाली मतगणना में चुनाव आयोग ईवीएम में के साथ-साथ वीवीपैट मशीन के भीतर पर्चियों की गिनती भी करने वाला है। हिमाचल के हर एक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक वीवीपैट की गिनती होगी, जिसका चयन लक्की ड्रॉ से होगा।
दैनिक अख़बार के मुताबिक, यदि किसी लक्की ड्रॉ में वीवीपैट की मतों की संख्या ईवीएम की संख्या से मैच नहीं करती होगी तो चुनाव आयोग इसपरसख़्त कमद उठा सकता है। पिछले राज्यों में हुए चुनाव को लेकर आयोग पर कई सवाल उठे हैं, जिसके चलते आयोग ने यहां गिनती करवाने की सहूलियत भी दी है। इससे पहले वीवीपैट मशीन के भीतर पड़ी पर्चियों की गिनती केवल किसी प्रत्याशी के दावे पर ही किए जाने का प्रावधान था।
वहीं, पर्चियों की गिनती होने से प्रत्याशियों का रिजल्ट निकालने में देरी होगी। इसका सबसे अधिक असर प्रदेश के बड़े जिलों में देखने को मिलेगा। कांगड़ा, मंडी और शिमला जिला में मतगणना के दौरान अधिक समय लगेगा। जिला कांगड़ा में सर्वाधिक 15 विधानसभा क्षेत्र हैं। इसके चलते यहां पर ईवीएम के अलावा 15 वीवीपैट मशीनों की अलग से गिनती होगी।