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इन्वेस्टर मीट पर फिर से विपक्ष का सदन में हंगामा, विपक्ष का वॉकआउट

पी. चंद |

हिमाचल प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ शिलाई के विधायक हर्षबर्धन चौहान अपनी सीट से खड़े होकर एक बार फ़िर से इन्वेस्टर मीट को लेकर चर्चा की बात दोहराई और स्थगन प्रस्ताव नियम 67 के तहत चर्चा की मांग पर अड़ गए। इसी बीच सत्ता पक्ष नूरपुर के भाजपा विधायक राकेश पठानियां खड़े होकर विपक्ष को अपनी भाषा पर संयम रखने की नसीहत देने लगे।

दोनों तरफ से बहसबाजी शुरू हो गई। मुख्यमंत्री को भी इसी दौरान गुस्सा आ गया और मुख्यमंत्री ने विपक्ष के रैवये पर नाराज़गी ज़ाहिर की और कहा कि विपक्ष अपने समय मे तो कुछ नहीं किया भाजपा सरकार कुछ कर रही है तो विपक्ष को तकलीफ़ हो रही है। विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार पर विधानसभा अध्यक्ष के दुरुपयोग का आरोप लगाया। हर्षवर्धन ने तो विधानसभा अध्यक्ष पर उपचुनाव में प्रचार करने तक का आरोप लगा दी।

इसी दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि इन्वेस्टरमीट को लेकर सदन में 67 की जगह 130 नियम के तहत चर्चा दी है। इसी विषय पर 130 के तहत चर्चा होगी। इस पर विपक्ष के नेता भड़क गए और 67 के तहत ही चर्चा पर अड़ गए। विधानसभा अध्यक्ष को लेकर की गई टिप्पणी पर डॉ बिंदल ने कहा कि उन्होंने दो साल में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष को बराबर समय दिया है। बीच-बीच में दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक होती रही।

चुनाव प्रचार के आरोप पर डॉ बिंदल ने कहा कि वह उस दौरान यूगांडा में थे। ऐसे आरोप तथ्यहीन हैं। लेकिन विपक्ष नहीं माना विपक्ष के व्यवहार से विधानसभा अध्यक्ष को भी गुस्सा आ गया। इसी नोकझोंक के बीच विपक्ष ने सदन में नारेबाज़ी शुरू कर दी। उधर, स्पीकर ने प्रश्नकाल शुरू कर दिया। विपक्ष नारेबाज़ी करता हुआ बेल में आ गया और विरोध दर्ज करवाने लगा। विपक्ष के सभी सदस्यों ने गले में प्याज़ डाल कर बेल में ही नारेबाज़ी की। 11:40  बजे विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

इसके साथ ही विपक्ष को महंगाई पर चर्चा नहीं दी गई और प्याज के दामों पर कोई बात नहीं हुई। ऐसे ही कुछ कारणों से विपक्ष ने वॉकआउट किया। बाहर आते ही विपक्ष ने कहा कि रैरा में बाल्दी को अध्यक्ष बनाने की तैयारी चल रही है जिसमें बड़ा घपला होने वाला है।