प्रश्नकाल के बाद सीएलपी मुकेश अग्निहोत्री ने बीजेपी के बजट को एक बार फिर फेल करार दिया औऱ मुख्यमंत्री के बजट भाषण में पढ़ी शाहरी का जवाब चर्चा के दौरान शायरी के साथ दिया। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि…
"शोहरत की बुलंदी भी एक पल का तमाशा है,
जिस साख पे बैठे हो वह टूट भी सकती है…"
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने पौने 3 घंटे के भाषण में कुछ नया नहीं कहा। अफसरशाही ने बजट में मुख्यमंत्री से ये भी बुलवा दिया कि उनकी सरकार कर्जे से चलेगी। लेकिन, मुख्यमंत्री ने कर्जे का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा जो कि सरासर ग़लत है। 2012 में धूमल सरकार जो घोषणाएं करके छोड़ गई, उसके वीरभद्र सराकर ने चुकाया जिसके लिए कर्ज लिया गया।
बेरोजगारी पर सरकार को घेरते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार रोजगार देने के बड़े-बड़े वायदे किए थे, लेकिन बजट में हिमाचल के युवाओं के लिए रोजगार सृजन के लिए कोई योजना नहीं है। सिर्फ कांग्रेस द्वारा चलाई गई कौशल विकास योजना का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। हिमाचल की जमीनों को बेचने की सरकार ने तैयारी कर ली है, जिसके इरादे बजट में जाहिर कर दिए। लेकिन कांग्रेस इन्हें पूरा नहीं होने देगी। बजट में सिर्फ योजनाएं बदली है या फिर नए नाम रखे गए है, बाकी कुछ नया नहीं है।
अग्निहोत्री ने कहा कि ड्रग माफिया और नशे पर भी बीजेपी ने चुनावों में खूब हल्ला बोला, लेकिन अब सरकार ड्रग माफिया पर क्या कर रही है? कानून व्यवस्था की दुहाई देकर जो बीजेपी बड़े-बड़े वादे कर रही थी उस कानून व्यवस्था का क्या हुआ? पिछले दो माह में 13 हत्याएं हुई है, 50 रेप हुए है, जबकि कई अन्य मामले सामने आए है। अब कानून व्यवस्था पर सरकार जबाब दे। सरकार 16 करोड़ के शराब के ठेकों की निलामी से कमाई करने की और आगे बढ़ रही है।