उपायुक्तों को पंचायती राज संस्थानों और शहरी स्थानीय निकायों के चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ उचित समन्वय बनाए रखना चाहिए, ताकि वह अपने संबंधित क्षेत्रों में बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के आगमन के बारे में अग्रिम जानकारी प्रदान कर सकें। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां कोरोना वायरस के दृष्टिगत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सभी जिलों के उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से कही।
मुख्यमंत्री ने ‘निगाह’ टीम को आशा कार्यकर्ताओं और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के परिवारों को उनके आने से पूर्व ही उचित सामाजिक दूरी और आईसोलेशन के महत्व के बारे में जागरूक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वह यह भी सुनिश्चित करें कि होम क्वारन्टीन के अंतर्गत आने वाले व्यक्तियों के लिए अलग शौचालय के अलावा सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए पर्याप्त आवास सुविधा उपलब्ध हों। यदि उनके पास ऐसी सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो पंचायतों द्वारा उन्हें उचित क्वारन्टीन के नियमों के अनुसार रहने की सुविधा उपलब्ध करवाई जानी चाहिए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि रेड जोन से आने वाले सभी लोगों को संस्थागत क्वारन्टीन में रखा जाएगा और पांच-सात दिनों के बाद उनके कोविड परीक्षण के उपरांत, रिपोर्ट नेगेटिव पाए जाने पर ही उन्हें होम क्वारन्टीन के लिए स्थानांतरित किया जाएगा। ऑरेंज और ग्रीन जोन के क्षेत्रों से आने वाले लोगों को होम क्वारन्टीन में रखा जाए और उनका रेंडम परीक्षण किया जाए। होम क्वारन्टीन के लिए फुलप्रूफ मैकेनिज्म बनाने की आवश्यकता है, क्योंकि किसी भी प्रकार की ढील नुकसानदेह साबित हो सकती है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में अब विकासात्मक काम शुरू कर दिए गए हैं, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, ग्रामीण विकास विभाग और मनरेगा के श्रमिकों को कर्फ्यू में छूट अवधि के उपरांत भी काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए। इससे उन्हें विभिन्न विकासात्मक कामों को निर्धारित समय पर पूरा करने के लिए पर्याप्त समय उपलब्ध सकेगा।