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कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए CM ने दिए निर्देश, वैक्सीनेशन पर भी दिया बयान

पी. चंद |

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने राज्य में कोविड-19 की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने अधिकारियों को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए समय पर उचित उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना कर्फ्यू के ठोस परिणाम सामने आ रहे हैं। कोरोना मामलों में कमी आ रही है, लेकिन कोरोना के कारण मृत्यु अभी भी चिंता का विषय है। कोरोना संक्रमण से होने वाली मृत्यु को कम करने के लिए प्रभावी रणनीति बनाई जानी चाहिए।

आशा कार्यकर्ताओं को पर्याप्त संख्या में मास्क, सेनिटाइजर और दस्तानें उपलब्ध कराए जाएं, ताकि वे अपने कर्तव्यों का पालन बेहतर तरीके से और निडर होकर कर सकें। बॉडी बैग और वेस्ट बैग के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के स्तर पर पर्याप्त संख्या में पीपीई किट उपलब्ध करवाई जानी चाहिए ताकि प्रोटोकॉल के अनुसार कोविड-19 मृतक का अंतिम संस्कार किया जा सके। गंभीर मरीजों को होम आइसोलेशन से अस्पताल में स्थानान्तरित करने पर विशेष बल दिया जाना चाहिए ताकि समय पर उनका ईलाज हो सके।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में विभिन्न अस्पतालों में भर्ती होने के 24 घंटे के भीतर करीब 38 प्रतिशत मृत्यु हुई हैं। इसी प्रकार होम आइसोलेशन में 7.7 प्रतिशत मृत्यु हुई हैं और 4.1 प्रतिशत मरीजों को अस्पताल में मृत लाया गया है। आशा कार्यकर्ताओं और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को मरीजों की स्थिति पर लगातार निगरानी रखनी चाहिए ताकि मरीजों की स्थिति खराब होने पर उन्हें अस्पताल में स्थानान्तरित किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने दवाओं, ऑक्सीजन कन्संट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया। केंद्र सरकार ने भी प्रदेश का ऑक्सीजन कोटा बढ़ाकर 40 मीट्रिक टन कर दिया है। राज्य सरकार ने ऑक्सीजन की भंडारण क्षमता में 25 मीट्रिक टन की वृद्धि की है। प्रदेश में 2500 डी टाइप के सिलेंडर थे, जिन्हें अब बढ़ाकर 6500 कर दिया गया है। राज्य में ब्लैक फंगस के पांच मामले सामने आए हैं, जिनमें से चार का ऑपरेशन किया जा चुका है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में टीकाकरण की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है। अब तक प्रदेश की जनता को लगभग 22.88 लाख वैक्सीन की खुराकें लगाई जा चुकी है। यद्यपि भारत सरकार ने 18-44 वर्ष आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए ऑन-साइट पंजीकरण और अप्वाइंटमेंट की सिफारिश की है, लेकिन भारत सरकार ने स्थानीय आधार पर ऑन-साइट पंजीकरण करने का निर्णय राज्य सरकार पर छोड़ दिया है। उन्होंने टीकाकरण स्थलों पर भीड़ और असुविधा से बचने के लिए युवाओं से आग्रह किया कि वे कोविन ऐप पर अपना पंजीकरण करवाएं।