पी. चंद। प्रदेश के मुख्य सचिव रामसुभग सिंह के खिलाफ उनके अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) रहते पीएमओ में भ्रष्टाचार को संरक्षण देने की शिकायत हुई है। इस पर विपक्षी दल लगातार मुख्य सचिव को पद से हटाकर निष्पक्ष जांच की मांग उठा रहे हैं। अब आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि शिकायत को मुख्यमंत्री कार्यालय में दबाने का काम किया है, जिसके चलते 6 माह तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
प्रवक्ता एसएस जोगटा ने कहा कि जब रामसुभग सिंह के पास वन विभाग का जिम्मा था तो कांगड़ा जिला के नगरोटा सूरियां में एक सेंटर बनाया गया था। वन विभाग के दो आईएफएस अधिकारी और एक अधिशासी अभियंता की रिपोर्ट के अनुसार भवन निर्माण में कई खामियां पाई गईं। इसमें घटिया सामग्री इस्तेमाल होने का भी अंदेशा है जिसमें लगभग 60 लाख की गड़बड़ी का भी आरोप हैं।
जोगटा ने कहा कि पीएम कार्यालय से 6 माह पहले लेटर मिला था लेकिन उस शिकायत पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई। सरकार को तुरंत मुख्य सचिव को हटाकर मामले की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। अगर सरकार तीन दिन में कार्रवाई नहीं करती है तो आम आदमी पार्टी प्रदेश सचिवालय के बाहर प्रदर्शन करेगी।
कांग्रेस ने भी सरकार को घेरा
वहीं, विपक्ष ने भी मुख्य सचिव पर लग रहे आरोपों की जांच की मांग की है और कहा कि भाजपा भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करती है लेकिन दूसरी तरफ भ्रष्टाचार के इतने संगीन आरोपों पर सरकार जांच नहीं करवा रही है। मामला 6 महीने से लटका हुआ है। यहां तक कि हमीरपुर में सुक्खू ने इस मामले पर सरकार से सवाल किए। अब देखना होगा कि क्या सरकार मुख्य सचिव के खिलाफ जांच शुरू करती है या नहीं।
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