सड़क सुरक्षा पर CLP ने जताई चिंता, परिवहन मंत्री की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

<p>नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने रोड सेफ्टी पर चिंता जताते हुए सरकार से सवाल किये हैं। अग्निहोत्री ने कहा कि सड़क हादसों को नियंत्रित करना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए और सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार को ठोस नीति बनाने पर काम करना चाहिए। हर दफा हादसे के बाद न्यायिक जांच के आदेश देने या मुआवजों की घोषणा काफी नहीं है। दुर्घटनाओं में जा रही जानों से सरकार को सबक लेना होगा और महज शोक जताने से काम नहीं चलेगा। सरकारी स्तर पर कड़े और बड़े कदम उठाने का ऐलान होना चाहिए।</p>

<p>मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सड़क हादसों में हर साल करीब 1200 लोग मारे जाना एक गंभीर और चिंतनीय विषय है। नूरपुर बस हादसे के बाद अगर प्रभावी कदम उठते तो व्यवस्था सुधर सकती थी। इसलिए सरकार सड़क हादसों की न्यायिक जांचों और सुधारों के लिए बिठाई गई कमेटियों की रिपोर्ट सार्वजनिक करें। हाल ही में हुए सभी बस हादसों के प्रति परिवहन मंत्री गोविन्द ठाकुर का रवैया बेहद नकारात्मक रहा है। बंजार बस हादसे के बाद मंत्री द्वारा नीजि बस ओप्रेटर को क्लीन चिट देना और शिमला बस हादसे के बाद लोक निर्माण विभाग को जिम्मेदार ठहराये जाने का तर्क देकर मंत्री अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते।</p>

<p>हर दफा इन हादसों के बाद सरकार को जगाने के लिए अदालतों को दखल देना पड़ रहा है। इस बार भी माननीय उच्च न्यायालय को इस हादसे के बाद 3 सदस्यीय कमेटी का गठन करना पड़ा और माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सड़क सुरक्षा कमेटी ने भी बस हादसों पर हिमाचल प्रदेश सरकार से रिपोर्ट तलब की है।</p>

<ul>
<li>सरकार बताए कि लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं में सरकार ने कितने लोगों के लाइसेंस रद्द किए हैं?</li>
<li>परिवहन मंत्री यह बताएं कि ओवर लोडिंग को रोकने के लिए मौत को दावत देने वाली कितनी खट्टारा बसों को सड़क से हटाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?</li>
<li>पुराने वाहन जो अपनी माइलेज पूरी कर चुके हैं उनमें से कितने वाहनों को सड़क से हटाया गया है?</li>
<li>सरकार से यह भी जानना चाहा कि प्रदेश में बिना इंश्युरेंस के कितनी गाड़ियां चल रही हैं और सड़कों में कितने ब्लैक स्पोट्स चिन्हित किए गए हैं?</li>
<li>कितने दुर्घटना संभावित स्थानों में क्रैश बैरियर/ पैरापिट बनाने का कार्य किया गया है?</li>
</ul>

<p>अग्निहोत्री ने कहा कि सड़क हादसे होने के बाद सड़क बनाने और पार्किंग निर्माण की बात हो रही है। सरकार को बताना चाहिए कि मंत्री ने रोड सेफ्टी कमेटी की कितनी बैठकें आयोजित की हैं और इन बैठकों में सड़क हादसों को रोकने के लिए क्या-क्या फैसले लिए गए हैं? सरकार अब रोड सेफ्टी सेल बनाने की दुहाई दे रही है जबकि हादसों की जांच होने के बाद इन सब<br />
मामलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। हर दिन कोई-न-कोई सड़क हादसा प्रदेश को हला रहा है।</p>

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