राहुल गांधी के दौरे के दौरान चर्चित हुए थप्पड़-कांड से अब विधायक आशा कुमारी की मुश्किलें पार्टी स्तर पर बढ़ सकती हैं। थप्पड़-कांड पर राहुल का आशा कुमारी पर बयान ये साफ करता है कि नेता प्रतिपक्ष के लिए अब एक और नाम की दावेदारी से खत्म हो गया है। ये नाम आशा कुमारी का होगा, क्योंकि राहुल गांधी ने साफ कहा था कि पार्टी की विचारधाराओं को तोड़ने वाले को कत्तई बख़्शा नहीं जाएगा। इसके बाद उम्मीद का जा रही है कि कांग्रेस विधायक आशा कुमारी को किसी भी सूरत में नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाएगी।
यदि आशा कुमारी की ये दावेदारी खत्म होती है तो पार्टी में सिर्फ 2-4 नेता ऐसे बचते हैं जिन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है। इन नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का नाम सबसे ऊपर और उन्हें विधायकों का भी समर्थन मिल रहा है। लिहाजा, नादौन विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू भी प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। लेकिन, देखना ये होगा कि यदि वीरभद्र सिंह खुद नेता प्रतिपक्ष नहीं बनते तो सुक्खू पर ही सहमति देंगे, या अपने किसी खास को नेता प्रतिपक्ष के लिए आगे लाएंगे।
गौरतलब है कि बीजेपी को मुख्यमंत्री पद के लिए तंज देने वाली कांग्रेस में अभी तक नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं हुआ है। पिछले कई दिनों से ये माथापच्ची जारी है औऱ राहुल गांधी पर आखिरी फैसला छोड़ा जा रहा ता। लेकिन, अब राहुल का दौरा भी हो चुका है और अभी तक कांग्रेस अपने नेता प्रतिपक्ष नहीं दे पाई है। वहीं, 9 जनवरी को नई सरकार का पहला शीतकालीन सत्र होने वाला है औऱ तब तक कांग्रेस को अपना नेता प्रतिपक्ष देना होगा।