कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने देश में कोरोना महामारी के लिए सरकार को पूरा सहयोग देने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि कोरोना संक्रमण की इस लड़ाई में हम सब को मिल कर ही लड़ना होगा। हिमाचल प्रदेश एक छोटा राज्य है, जिसमें लोगों की आर्थिकी बागवानी, खेतीबाड़ी, पर्यटन से जुड़ा व्यवसाय होटल और छोटा मोटा कारोबार दुकानदारी आदि है। आज देश प्रदेश में लॉक डाऊन की बजह से यह सब कारोबार बहुत प्रभावित हो गया है।
कोरोना महामारी का असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी बहुत बुरे ढंग से पड़ा है। आने वाला समय और भी गंभीर चुनौती का हो सकता हैं, इसलिए केंद्र और राज्य सरकार को अभी से कोई ऐसी दीर्घकालीन कार्य योजना पर विचार और कार्य योजना शुरू कर देनी चाहिए, जिससे आमजन के जीवन यापन में कोई बड़ी समस्या पैदा न हो। प्रदेश के लोगों की समस्या की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए वीरभद्र सिंह ने कहा कि टूरिज्म से जुड़ा व्यवसाय होटल कारोबारियों के साथ-साथ अन्य छोटे दुकानदारों का जिन्होंने बैंकों से लोन आदि ले रखें है उनका इस समय का बैंक ब्याज माफ़ किया जाना चाहिए।
साथ ही इन लोगों को बिजली, पानी और अन्य टैक्स में भी छूट दी जानी चाहिए, क्योंकि इन्हें व्यवसाइक दर पर इसका मूल्य चुकाना पड़ता है। प्रदेश में किसानों, बागवानों को भी पूरी राहत दी जानी चाहिए। प्रदेश में मुख्य व्यवसाय बागवानी और खेतीबाड़ी ही है। लॉक डाऊन की वजह से किसान और न ही बागवान अपनी फ़सल की देख रेख कर सके हैं। किसानों बागवानों को भी कोई विशेष आर्थिक पैकज दिया जाना चाहिए।
वीरभद्र सिंह ने कहा है कि लॉक डाऊन की वजह से सबसे ज्यादा कामगार श्रमिकों के दैनिक जीवन पर असर पड़ा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से कहा है कि पीडीएस की व्यवस्था को सही ढंग से लागू कर गरीब लोगों को सस्ता राशन वितरित किया जाए। सब्जी उत्पादकों को विशेष सुविधा देते हुए इनकी सब्जियों को समय पर बाजार तक पहुंचाने की पूरी व्यवस्था की जानी चाहिए। सासंदो के एक साल तक वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती के केंद्र के निर्णय को उचित ठहराते हुए सासंद निधि को जारी रखने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा है कि सासंद निधि के बंद होने से सासंदो के अपने क्षेत्र में जारी विकास कार्य प्रभावित हो सकते है।