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शिमला में कांग्रेस की जन आक्रोश रैली, वीरभद्र सिंह के कंधों पर 2022 जीतने की फिराक़ में कांग्रेस

पी. चंद |

राजधानी शिमला के चौड़ा मैदान में जन आक्रोश रैली का आयोजन किया गया। कांग्रेस ने महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को लेकर सरकार पर हल्ला बोला। हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला की अगुवाई में हुई इस रैली में जोश तो नज़र आया लेकिन अनुशासन की भारी कमी दिखी। 2022 में भी कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बूढ़े कंधों के सहारे अपनी नैया पार लगाने की फ़िराक में नज़र आ रही है। रैली में वीरभद्र सिंह, विप्लव ठाकुर, सुधीर शर्मा, सुखविंदर सुक्खू वाले गुटों को एक साथ लाकर कांग्रेस ने एकजुटता का संदेश देने का प्रयास किया।

राजीव शुक्ला ने कहा कि आज  महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, बिगड़ती कानून व्यवस्था और जनहित के मुद्दों से निपटने में भाजपा सरकार असफल रही है। कांग्रेस ने इस जनसभा के माध्यम से 2022 में कांग्रेस की सरकार बनने का बिगुल बजा दिया है।वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में ही 2022 का चुनाव कांग्रेस लड़ेगी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को बदलने के सवाल पर शुक्ला ने कहा कि यह भाजपा का आंतरिक मामला है लेकिन भाजपा ने यह स्वीकार कर लिया है कि उनके मुख्यमंत्री सरकार चलाने में सक्षम नहीं है। मोदी सरकार ने सरकारी उपक्रम बेच दिए जिनको कांग्रेस सरकारों ने खड़ा किया था।

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने प्रदेश के बड़े नेताओं व विधायकों को नसीहत देते हुए कहा कि कांग्रेस की मजबूती के लिए सबको एक जुट होने की ज़रूरत है। संगठन में "आया राम-गया राम" वाले नेताओं को कोई जगह नहीं होनी चाहिए। 2022 में प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की ही सरकार बनेगी। उधर विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री को सलाह दी कि वह विपक्ष के नेता को हटाने की बात करते रहते हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी चली गई है इसलिए वह अपनी कुर्सी बचाएं। प्रदेश में भाजपा सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।