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ऊना बना अपराध कैपिटल, शासन और प्रशासन अपराध पर अंकुश लगाने में नाकाम: अग्निहोत्री

पी. चंद |

ऊना में पिछले कुछ दिनों से अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऊना जिले के गगरेट के अंर्तगत जाडला में युवती की हत्या कर शव दबाने का मामला सामने आया है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने शासन और प्रशासन पर अपराधों में नियंत्रण लगाने में नाकाम बताया है। 

अग्निहोत्री ने ऊना में युवती के मर्डर मामले को गुड़िया मामले की पुनरावृत्ति करार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देती है लेकिन इस मामले में तो बेटी पढ़ भी रही थी लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। इससे प्रदेश में कानून व्यवस्था की बदहाल स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने हाल ही में ऊना में हुए गोली कांड में भी दोषियों को राजनीतिक दबाव बनाकर बचाने के आरोप लगाते हुए विशेषकर ऊना में बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए हैं। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ऊना जिला में आज कानून की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है और माफिया दनदना रहा है, लेकिन प्रशासन को इससे कोई सरोकार नहीं है। अब युवती की गला रेतकर आश्रम में की गई निर्मम हत्या ने पूरे प्रदेश को शर्मसार किया है। कानून व्यस्था के बिगड़ने और ऊना को अपराध की राजधानी बनाने के लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार है।

वहीं, मुकेश अग्निहोत्री ने 4 नगर निगम चुनावों में प्रदेश सरकार द्वारा झूठे प्रलोभन देकर लोगों को गुमराह करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इन चुनावों में प्रदेश सरकार घुटनो पर आ गयी है और मुख्यमंत्री को मंडी में लोगों से इम्मोशनल होकर वोट मांगने पड़े। वहीं कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर पूछे गए सवाल पर अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार को प्रदेश के लोगों के जीवन को बचाने के लिए सकारात्मक कदम उठाने चाहिए और विपक्ष से भी कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने  स्वास्थ्य मंत्री द्वारा लोगों की लापरवाही से कोरोना फैलने वाले बयान को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया।