बाबा के लिए विक्रमादित्य ने संभाला मोर्चा, लेकिन बात निकली है तो दूर तक जाएगी…

<p>हिमाचल प्रदेश में इंटक के प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने से कांग्रेस में सियासी अंधड़ चल रहा है। इस सियासी आंधी में पूर्व सीएम वीरभद्र के बेटे और शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य ने भी अपनी जोर-आजमाइश तेज कर दी है। विक्रमादित्य सिंह इंटक के प्रदेश अध्यक्ष बाबा हरदीप को हटाए जाने की आलोचना की है। उन्होंने अपने फेसबुक पेज के जरिए पीसीसी अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा हटाए जाने की प्रक्रिया को गलत बताया है। विक्रमादित्य सिंह ने एक डिबेट खड़ा करने की कोशिश की है जिसमें उन्होंने जनता से इस मुद्दे पर राय मांगी है।</p>

<p>विक्रमादित्य का कहना है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने बाबा हरदीप के खिलाफ जो एक्शन लिया है वह पार्टी के संविधान के खिलाफ है। क्योंकि, इंटक कांग्रेस का फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन और अग्रणी संस्थाओं में कार्रवाई का अधिकार उस संगठन विशेष के अध्यक्ष के पास होता है। इसके लिए उन्होंने इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष (विवादित) संजीव रेड्डी द्वारा बाबा की फिर से बहाल किए जाने का हवाला दिया।</p>

<p>इस बहस में विक्रमादित्य के सामने कुछ ऐसे सवाल आए जिनका जवाब शायद उनके पास नहीं था। मसलन, अगर बाबा उनके खिलाफ भी चुनाव लड़ जाते तब भी क्या वह यही विचार रखते?&nbsp; दरअसल, इस मसले में कई परते हैं। जिसे एक-एक करके खोलने और समझने की दरकार है।</p>

<p><span style=”color:#e74c3c”><strong>इंटक के अध्यक्ष पद से क्यों हटे बावा हरदीप</strong></span></p>

<p>कांग्रेस में जारी सियासत को फुल टॉनिक देने वाले इस मुद्दे को समझने के लिए इसके बैक्रग्राउंड को संक्षेप में समझना बेहद जरूरी है। दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले बाबा हरदीप कांग्रेस की मजदूर संस्था इंटक के अध्यक्ष थे। लेकिन, उन्होंने पार्टी लाइन से हटकर निर्दलीय चुनाव लड़ा। उनके इस आचरण को पार्टी ने अनुशासनहीनता करार दिया और पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। समाचार फर्स्ट से बातचीत में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि बाबा हरदीप के खिलाफ कांग्रेस के तय मानकों के तहत कार्रवाई की गई। कार्रवाई के साथ ही उनकी पार्टी से प्राथमिक सदस्यता भी खत्म हो गई। लिहाजा, जो शख्स बागी हो और जिसके पास पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी नहीं हो वह कैसे फ्रंटल ऑर्गनाइजेशन के सर्वोच्च पद पर आसीन रह सकता है।</p>

<p><img src=”/media/gallery/images/image(1823).jpeg” style=”height:600px; width:450px” /></p>

<p>इंटक के इस पूरे प्रकरण को देखें तो पहले बावा हरदीप बगावत करते हैं, फिर उन्हें अनुशासनहीनता की वजह से पार्टी बाहर का रास्ता दिखाती है। इसके बाद से इंटक का पद खाली रहता है। प्रदेश अध्यक्ष सुक्खू का कहना है कि उन्होंने स्यवं इंटक के पद से बाबा हरदीप को हटाया नहीं है। बल्कि, उन्हें पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद से ही अध्यक्ष पद खाली चल रहा था और AICC की तरफ से फरवरी में ही मनोहर लाल शर्मा को इंटक का अध्यक्ष बनाए जाने के निर्देश थे। सुक्खू का कहना है कि उन्होंने बतौर प्रदेश अध्यक्ष मनोहर लाल शर्मा को इंटक के अध्यक्ष के रूप में सिर्फ मान्यता दी है।</p>

<p><span style=”color:#e74c3c”><strong>इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं विवादित</strong></span></p>

<p>इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर भी अपने-आप में एक बड़ा विवाद है। दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट में चले मुकदमें पर गौर करें तो इंटक के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव रेड्डी की मान्यता भी संदेह के घेरे में हैं। इंटक में फिलहाल दो गुट सक्रिय है और यह मामला अदालत में है। अदालत ने अभी तक किसी भी एक गुट को मान्यता नहीं दी है।</p>

<p><img src=”/media/gallery/images/image(1824).jpeg” style=”height:785px; width:600px” /></p>

<p><span style=”color:#e74c3c”><strong>विक्रमादित्य पार्टी के साथ या पार्टी से अलग?</strong></span></p>

<p>विक्रमादित्य सिंह ने जो विचार रखा है उसके मद्देनजर कांग्रेस के कई बड़े नेता उनसे सहमत नहीं नज़र आ रहे है। घुमारवीं से पूर्व विधायक और सीपीएस रहे राजेश धर्माणी का कहना है कि इंटक कांग्रेस से अलग नहीं है। इंटक के कार्यक्रमों में ऑर्गनाइजेशन के अलावा कांग्रेस का भी झंडा इस्तेमाल होता है। इंटक की तरह ही कई ऑर्गनाइजेशन हैं जो अपना-अपना दायित्व निभाते हैं। वहीं, धर्माणी का साफ कहना था कि इंटक के कांग्रेस से बाहर नहीं है। गौरतलब है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रहते हुए इंटक को कोई फैसिलिटीज मुहैया कराई गई थी। इससे हटकर पंडित नेहरू के टाइम से ही इंटक कांग्रेस की एक अग्रणी संस्था रही है। पार्टी के विचारों के प्रचार-प्रसार में भी इसकी भूमिका अहम रही है। &nbsp;</p>

<p>कांग्रेस के प्रवक्ता नरेश चौहान का कहना है कि जो आदमी बगावत करके चुनाव लड़े उसे पार्टी के किसी भी ऑर्गनाइजेशन में अध्यक्ष भला कैसे नियुक्त किया जा सकता है। इंटक कांग्रेस का ही हिस्सा और बाबा पर कार्रवाई पार्टी के नियम के मुताबिक ही हुई है।</p>

<p>नालागढ़ से कांग्रेस के विधायक लखविंदर राणा का कहना है कि किसी भी पार्टी का संविधान बागी और नुकसान पहुंचाने वाले शख्स को अध्यक्ष नहीं बनाती। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने इंटक के संदर्भ में जो फैसला लिया है वह बिल्कुल ही सही है।</p>

<p><img src=”/media/gallery/images/image(1825).jpeg” style=”height:512px; width:350px” /></p>

<p>कांग्रेस के इन नेताओं की बात सीधे-सीधे विक्रमादित्य और बाबा हरदीप के लिए संपैथी रखने वालों के लिए साफ संदेश है। साथ ही कांग्रेस में किस तरह का कल्चर अपना स्वरूप इख्तियार कर रहा है इसकी भी यह एक बानगी है।</p>

<p><span style=”color:#e74c3c”><strong>विक्रमादित्य पर उल्टा पड़ सकता है दांव</strong></span></p>

<p>विक्रमादित्य सिंह का बाबा हरदीप के लिए मोर्चा संभालना उनके लिए उल्टा दांव पड़ सकता है। कांग्रेस में दो धड़े हैं यह किसी से नहीं छिपा है। बाबा हरदीप सिंह की करीबी पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ रही है यह सभी को मालूम भी है। ऐसे में इंटक का यह नया प्रकरण विधानसभा चुनाव में गुटबाजी के तहत बगावत को हवा देने की बात को पुष्ट कर देगा। मसलन, हरदीप सिंह ने बगावत क्यों की? क्या उनकी बगावत किसी के इशारे पर थी? जिस व्यक्ति को पार्टी ने अनुशासनहीनता का दोषी पाया और उसे बाहर का रास्ता दिखाया उसके लिए युवा विधायक इतनी मजबूती से वकालत क्यों कर रहे है?</p>

<p>अगर इंटक का यह डिबेट बढ़ा तो चुनाव में पार्टी की गुटबाजी से उत्पन्न बगावत और हार के लिए जिम्मेदार लोगों की कलई अपने-आप खुल जाएगी। ऐसा नहीं है कि इस प्रकरण से हाईकमान अनजान है। हिमाचल की प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल से पिछले दिनों ही समाचार फर्स्ट ने बात की थी। उन्होंने भी प्रदेश में कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों पर अंकुश लगाने की बात कहीं। हिमाचल में कांग्रेस की गुटबाजी को विशेष तौर पर समाप्त करने के लिए पाटिल अशोक गहलोत से बुधावार को मिलने वाली थीं। लेकिन, उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। अब आगामी कुछ ही दिनों में वह गहलोत के साथ मिलकर गुटबाजी को खत्म करने और अनुशासन को पुख्ता करने की दिशा में रणनीति बनाने वाली हैं।</p>

<p><img src=”/media/gallery/images/image(1822).jpeg” style=”height:393px; width:800px” /></p>

Samachar First

Recent Posts

जीपीएस की गलती बनी जानलेवा: कार नदी में गिरी, तीन की मौत

Bareilly GPS Navigation Acciden: बरेली में  एक दर्दनाक सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत…

7 hours ago

एनसीसी स्थापना दिवस पर मंडी में रक्तदान शिविर, 50 कैडेटों ने दिखाया उत्साह

NCC Raising Day Blood Donation Camp: एनसीसी एयर विंग और आर्मी विंग ने रविवार को…

7 hours ago

यहां पढ़ने वाले पिछले 65 साल में हर क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ रहे:धर्माणी

Sundernagar Polytechnic Alumni Meet: मंडी जिले के सुंदरनगर स्थित राजकीय बहुतकनीकी संस्थान में रविवार को…

7 hours ago

हिमाचल में सहकारिता क्षेत्र में महिलाओं के आरक्षण पर विचार कर रही सरकार: मुकेश अग्निहोत्री

Himachal Cooperative Sector Development: मंडी जिले के तरोट गांव में आयोजित हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी…

8 hours ago

जीवन में अनुशासन और समय का सदुपयोग जरूरी: पंकज शर्मा

NSS Camp Day 6 Highlights.: धर्मशाला के राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में चल रहे…

9 hours ago

राधास्वामी सत्संग अस्पताल की भूमि के लिए ऑर्डिनेंस लाएगी सुक्खू सरकार

Bhota Hospital Land Transfer: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार राधास्वामी सत्संग व्यास अस्पताल भोटा की…

11 hours ago