सुक्खू को पद से हटाये जाने के बाद पार्टी के पदाधिकारियों ने भी वीरभद्र सिंह के बयानों की आलोचना की है। रविवार को जारी किए एक प्रेस बयान में शारदा कौंडल, कांग्रेस उपाध्यक्ष अश्वनी शर्मा सहित तमाम पदाधिकारियों ने कहा कि सुक्खू के हटने पर वीऱभद्र सिंह का जश्न मनाना दुर्भाग्य पूर्ण है। वीरभद्र सिंह पर उनकी उम्र हावी हो गई है औऱ सबका विरोध करना उनकी आदत बन गई है। चुनावों के मद्देनज़र वे जानबूझकर पार्टी में गुटबाजी को हवा देने की कोशिश कर रहे हैं।
पदाधिकारियों ने लगे हाथ मुकेश अग्निहोत्री की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वीऱभद्र सिंह की आड़ में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री भी कांग्रेस में ख़ाई खोदने का प्रयास कर रहे हैं। उन्हें अंदेशा है कि कहीं अग्निहोत्री धूमल से हाथ मिलाकर उनकी बी टीम के रूप में काम तो नहीं कर रहे। यही कारण है कि बिना हाईकमान की अनुमति के हमीरपुर से लोकसभा पसंदीदा कैंडिडेट का नाम सार्वजनिक तौर पर लिया जा रहा है। ये सब करवाकर ये बड़े नेता सांसद अनुराग ठाकुर की राहें और आसान कर रहे हैं।
उन्होंने वॉर्निंग देते हुए कहा कि वीरभद्र सिंह, मुकेश और राणा यह जान लें कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविन्दर सिंह सुक्खू जिला हमीरपुर की जनता का प्रदेश में भविष्य हैं और निकट भविष्य में हमीरपुर की जनता को उनसे आस है कि जब कांग्रेस की प्रदेश में सरकार बनेगी तो वह उनका प्रदेश में नेतृत्व करेंगे। सुक्खू के खिलाफ अगर कोई जश्न मनाता है तो इसका सीधा मतलब हमीरपुर जिला की जनता के भविष्य और उम्मीदों के खिलाफ जश्न मनाना है। पहले बीजेपी में रहते हुए भी राजेंद्र राणा ऐसा ही करते थे इसलिए उन्हें बीजेपी ने अपनी पार्टी से विधानसभा के चुनाव से पहले ही निकाल दिया था।