<p>प्लास्टिक से पर्यावरण को हो रहे नुकसान पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमाऱ धूमल ने चिंता जताई। हमीरपुर के टौणीदेवी में धूमल कहा कि अक्टूबर 2009 में हिमाचल प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बना था जहां पॉलीथिन का इस्तेमाल करने पर रोक लगाई गई थी। यही नहीं अन्य दैनिक उपभोग की वस्तुएं जो प्लास्टिक की पैकिंग में आती है, उनसे उपजे प्लास्टिक के कचरे को यहां वहां ना फैंककर, उसका भी इस्तेमाल कर उसके दुष्प्रभावों से पर्यावरण को बचाने की योजना हिमाचल प्रदेश सरकार ने तब बनाई थी।</p>
<p>योजना के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में घर घर से प्लास्टिक का कचरा पंचायत को बेचा जाना था, जिसको आगे पंचायत पीडब्ल्यू विभाग को बेचती और पी डब्ल्यू विभाग उस प्लास्टिक को सड़क निर्माण कार्य में उपयोग में लाना था। इसके लिए प्रदेश में पीडब्ल्यूडी विभाग के हर डिवीजन को श्रेडर मशीन उपलब्ध करवाई गई और इस योजना पर काम भी हुआ। फल स्वरूप सड़क निर्माण में आने वाली लागत में 25000 से 30000 रुपये प्रति किलोमीटर की कमी आई थी। उन्होंने खुशी प्रकट करते हुए बताया कि आज राष्ट्रीय स्तर पर इन योजनाओं को अपनाया जा रहा है।</p>
<p>पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मौके पर किचन गार्डन की व्यवस्था दोबारा अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि आज गांव और शहरों में प्राय देखा जाता है कि पक्के मकानों और पक्के आंगन बनाने के चक्कर में लोगों ने किचन गार्डन बनाना छोड़ दिए हैं। अन्यथा यह व्यवस्था भी पूरी तरह प्राकृतिक अथवा जैविक खेती का ही एक रूप थी।</p>
<p>धूमल ने प्राकृतिक कृषि के लिए गोवंश को उपयोगी बताते हुए कहा कि गाय अपने दूध के इलावा गोमूत्र और गोबर के कारण भी बहुत ही उपयोगी हैं। क्योंकि प्राकृतिक खेती करने के लिए रसायनिक खादों को दरकिनार कर पूरी तरह पशुओं के गोबर पर निर्भर रहना पड़ता है। अतः किसानों को गाय पालनी चाहिएऔर गाय में भी देसी पहाड़ी गाय यदि हो तो वह सर्वोत्तम होती है। क्योंकि वह सूर्य की किरणों से सीधा ऊर्जा लेती है तो उसका दूध और भी ज्यादा पौष्टिक होता है।</p>
Mandi Literacy Committee: हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति ने शनिवार को शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय…
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है,…
Priyanka Gandhi Wayanad victory: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी जल्द ही हिमाचल प्रदेश के शिमला पहुंचेंगी।…
First Snowfall at Atal Tunnel: प्रदेश के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में 53 दिनों के लंबे…
Major Indian festivals 2025: साल 2024 अब समाप्ति के करीब है और कुछ ही दिनों…
रविवार का दिन सभी 12 राशियों के लिए मिश्रित परिणाम लेकर आया है। चंद्रमा की…