<p>कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने प्रदेश में कोरोना के चार मामले पाए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि यह कहीं न कहीं प्रशासन की लापरवाही ही नज़र आ रही है। उनका कहना है कि एक ओर जहां प्रदेश के लोग लॉक डाउन का पूरा पालन किए हुए है, वहीं बाहर से आने वाले संक्रमित लोगों ने प्रदेश में इसकी चिंता को बढ़ा दिया है। उन्होंने इस माहमारी से अब तक 2 लोगों की मौत पर भी दुःख व्यक्त किया है।</p>
<p>वीरभद्र सिंह ने कहा कि लॉक डाउन के तीसरे चरण में मंडी जिला में एकाएक दो लोगों के कोरोना से संक्रमित पाया जाना चिंता का विषय है। अन्य राज्यों से जो लोग प्रदेश में अपने घर लौट रहे हैं उनकी पूरी तरह से स्क्रीनिंग न किया जाना इसका मुख्य कारण लगता है। जिस तादाद से लोग यहां अपने घर आ रहें है, उससे इस माहमारी के संक्रमण बढ़ने की किसी भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।</p>
<p>वीरभद्र सिंह ने कहा है कि जो भी लोग प्रदेश में अपने घर आ रहें है उनकें पूरे स्वास्थ्य की जांच कर पूरा कोरोना प्रोटोकॉल फॉलो किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि कोरोना का असर देश प्रदेश से जल्दी जाने वाला नहीं लगता। इसके लिए कोई ठोस काम योजनाएं बनाये जाने की बहुत ही जरूरत रहेगी। उन्होंने पिछले दिनों जो अपने पत्र में प्रदेश सरकार को सुझाव दिए थे उसे उनपर जल्द काम शुरू कर देना चाहिए। इससे पहले की यह माहमारी कोई विकराल रूप न ले ले। इसके लिये प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में टेस्टिंग किट्स,सुरक्षा के उपकरण, वेंटीलेटर इत्यादि की व्यवस्था की जानी चाहिए।</p>
<p>साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं में समय के अनुरूप विस्तार के लिए ओर अधिक बजट का विशेष प्रावधान करने की जरूरत भी रहेगी जिससे जिला के सभी अस्पतालों में टेस्टिंग सुविधा से इस प्रकार की किसी भी माहमारी का तुरंत पता लग सकें। लॉक डाउन की बजह से बेरोजगारी के चलते अन्य राज्यों की भांति प्रदेश से भी हजारों कामगार, लेबर अपने अपने घरों को पलायन कर चुकी है। उनका कहना है कि इसका प्रदेश की आर्थिकी पर विपरीत असर पड़ेगा। प्रदेश में कृषि और बागवानी में लेबर का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहता है। इस बार इनके यहां न होने से एक बड़ी गंभीर समस्या पैदा होने वाली है।</p>
<p>उनका कहना है कि अगर प्रदेश सरकार ने लॉक डाउन के इस समय में इनके खाने पीने की अगर कोई उचित व्यवस्था की होती तो इस समस्या से बचा जा सकता था। आज देश मे कोरोना को लेकर जो गंभीर हालत पैदा हो गए है वे बड़ी चिंता का विषय बन गया है। देश में आज लोगों के बीच एक अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। लाखो लोग बेरोजगारी की मार झेलते हुए अपने घरों को जानें के लिए आतुर है। देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह एक जगह ठहर गई है। देश मे भयानक मंदी का दौर शुरू हो गया है। आने वाला समय और भी भयवह हो सकता है, अगर अभी से कोई ऐसे कदम न उठाए गए जिनमें अर्थव्यवस्था के साथ साथ रोजगार को भी गति मिल सकें।</p>
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