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भ्रष्टाचार पर CM की ज़ीरो टॉलरेंस, नसीहत देना बंद करे कांग्रेस: नरेंद्र ठाकुर

कमल |

प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में हुए ऑडियो वायरल मामले में बीजेपी नेता का नाम आने पर सरकार पर खूब कीचड़ उछला। ऐसे में अब बीजेपी नेता मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार की छवि को बचाने के लिए लगातार विपक्ष और जनता को सफाई दे रहे हैं। इसी कड़ी में अब हमीरपुर से विधायक नरेंद्र ठाकुर ने बयान दिया है। नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि जयराम सरकार का भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की पॉलिसी है। इसलिए सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रात के 3 बजे अधिकारी को ग़िरफ्तार करवाया।

उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा में कोई भी खोट होता तो इस तरह की कार्रवाई नहीं होती। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों के नेताओं को निशाने पर लेते हुये इस बात की आलोचना की है कि भ्रष्टाचार की भनक लगते ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई की जहां इन लोगों को तारीफ करनी चाहिए थी, वहीं पर ये लोग मुख्यमंत्री और सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा करने में लगे हुये हैं।

उन्होंने कहा कि सारा प्रदेश जानता है कि मुख्यमंत्री की छवि ईमानदार राजनेता की रही है और उन्होंने कभी भी भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं किया है। यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी का कुछ सेकेंड का ऑडियो वायरल होते ही उन्होंने कड़ा रुख अपनाया और रात के तीन बजे उक्त अधिकारी को अरेस्ट किया गया। भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री ने उच्च मानक आदर्शों का पालन करते हुये प्रदेश में नई मिसाल कायम की है। जांच चल रही है और जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।

उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुये कहा कि प्रदेश के इतिहास में ऐसे भी मुख्यमंत्री हुये हैं जिनके ऑफिस से सूटकेस से 6 लाख रुपये गायब होने के समाचार अखबारों की सुर्खियों में छाये रहे थे। लेकिन न तो कोई जांच करवाई गई और न ही इस बात का आज तक ये पता चला कि सूटकेसों में पैसा कौन लाया और किसको देने लाया था। जबकि जयराम सरकार ने महज़ एक ऑडियो वायरल होने पर तुरंत एक्शन लेकर करप्शन के प्रति जीरो टॉलरेंस का उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इससे सबक सीखना चाहिये।