निजी स्कूलों की फीस वसूली पर अभिभावक मंच का विरोध, हाईकोर्ट से की हस्तक्षेप करने की अपील

<p>छात्र अभिभावक मंच ने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना काल में निजी स्कूलों की फीस और अन्य चार्जेज़ के संदर्भ में जारी की गयी अधिसूचना को वापस लेने पर आक्रोस जताया है। मंच ने इस अधिसूचना में अस्पष्टता बरकरार रखने पर सरकार की निंदा की है। इस अस्पष्टता के पीछे सरकार की निजी स्कूलों के साथ मिलीभगत है ताकि निजी स्कूल इसका फायदा उठा कर अभिभावकों की लूट जारी रख सकें।</p>

<p>मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि इसमें कहीं नहीं लिखा गया है कि निजी स्कूल भविष्य में पुरानी फीस भी वसूल सकते हैं। माननीय उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश ने भी अपने आदेश में कहीं भी इस बात का ज़िक्र नहीं किया है कि निजी स्कूल बकाया फीस वसूल सकते हैं। फिर प्रदेश सरकार को इस अधिसूचना में यह लिखने में क्या दिक्कत थी कि निजी स्कूल 30 अक्तूबर 2020 से पहले की सिर्फ ट्यूशन फीस वसूलेंगे और उसके बाद ही यह अधिसूचना लागू होगी।</p>

<p>जब कक्षाएं ही नहीं लगीं, ज्यादातर स्कूलों ने पांच महीनों तक कोई ऑनलाइन कक्षाएं नहीं चलाईं, जब अभिभावकों व बच्चों ने स्कूल का कोई साधन इस्तेमाल ही नहीं किया, जब बच्चों और अभिभावकों ने निजी स्कूलों की किसी सेवा को इस्तेमाल तक नहीं किया तो फिर निजी स्कूल कोरोना काल की ट्यूशन फीस के अलावा किस बात की पूर्ण फीस मांग रहे हैं। सरकार जान बूझ कर मौन है ताकि निजी स्कूलों की मनमानी लूट जारी रहे। सरकार औऱ निजी स्कूलों की मिलीभगत को बेनकाब करना बेहद जरूरी हो गया है। इसका पर्दाफाश करने की ज़रूरत है क्योंकि यह एक शिक्षा माफिया जैसा लगता है जोकि साधारण जनता औऱ अभिभावकों से मनमाफिक उगाही कर रहा है।</p>

<p>उन्होंने कहा है कि इसके खिलाफ आवाज़ बुलंद करने वालों को मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जाता है। उन्होंने सभी अभिभावकों से अपील की है कि वे निजी स्कूलों की लूट को चुनौती दें और पूर्ण फीस वसूली का बहिष्कार करें।&nbsp; अब वक्त आ गया है जब सरकार को स्पष्ट करना पड़ेगा कि वह तीन हज़ार निजी स्कूल संचालकों के साथ खड़ी है या फिर 6 लाख छात्रों औऱ उनके दस लाख अभिभावकों सहित सोलह लाख प्रदेश की जनता की हिमायती है। विजेंद्र मेहरा ने माननीय उच्च न्यायालय से अपील की है कि वह निजी स्कूलों द्वारा पूर्ण फीस वसूली के मामले पर हस्तक्षेप करके प्रदेश सरकार और निजी स्कूलों पर कार्रवाई करे।</p>

<p>उन्होंने प्रदेश सरकार से पूछा है कि उच्चतर शिक्षा निदेशक ने अधिसूचना में जान बूझ कर अस्पष्टता क्यों रखी है। क्या यह कोई सीक्रेट गेम प्लान का हिस्सा है। मीडिया में भी शिक्षा निदेशक क्यों स्थिति स्पष्ट करने से आनाकानी कर रहे हैं। निजी स्कूल प्रबंधन किस आधार पर अभिभावकों को पूर्ण फीस जमा करने के संदेश भेज रहे हैं और उन्हें क्यों मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर रहे हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से पूछा है कि शिक्षा निदेशक के पूर्ण फीस वसूली के आदेशों के बिना पूर्ण फीस वसूली की मांग करने वाले निजी स्कूल प्रबंधनों पर उसने क्या कानूनी कार्रवाई की है।</p>

Samachar First

Recent Posts

पौंग झील की पारिस्थितिकी को खतरा, अवैध गतिविधियों पर उठे सवाल

Pong Lake Illegal Farming: हिमाचल प्रदेश की पौंग झील में संरक्षित क्षेत्र में अवैध खेती…

1 hour ago

शुक्रवार का राशिफल: जानें आपकी राशि के लिए क्या है खास

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ) आज के दिन आप सामाजिक…

2 hours ago

शिमला IGMC में MRI मशीन खराब, निजी लैब के पोस्‍टर लगे, मरीज परेशान

IGMC Shimla MRI Machine Fault: प्रदेश के सबसे पुराने बड़ेअस्पतालों  IGMC की MRI मशीन पिछले…

15 hours ago

नगर निगम शिमला की बैठक में पार्किंग और पिंक टॉयलेट के मुद्दे गूंजे

Shimla Municipal Corporation meeting : नगर निगम शिमला की मासिक बैठक आज बचत भवन में…

15 hours ago

विंटर में शिमला के रोमांच की शान आइस स्‍केटिंग रिंक को तैयार करने में बाधा बनी गंदगी

Garbage blocking drainage: शिमला स्थित आइस स्केटिंग रिंक को आगामी सत्र के लिए तैयार करने…

16 hours ago

ब्रेन स्ट्रोक से बड़े भाई की मौत, सदमे में छोटे भाई ने दिल का दौरा पड़ने से तोड़ा दम

Hamirpur brothers’ tragic death: हमीरपुर जिले के मट्टन खुर्द गांव में दो भाइयों की असमय…

16 hours ago