लोकसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का वॉर्म-अप शुरू हो गया है। हालांकि, उनके वॉर्म-अप की शुरुआत पार्टी के भीतर अपने विरोधियों को ध्वस्त करने के संकेत से हुई है। सुजानपर में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव में 10 सीटों पर हार गलत टिकट बांटने से की और कहा कि गलत उम्मीदवारों को टिकट देना हार की बड़ी वजह रही।
हमीरपुर जिला के 3 दिवसीय दौरे पर पहुंचे वीरभद्र सिंह ने कांग्रेस संगठन को आगाह किया। उन्होंने कहा कि अगर लोकसभा चुनाव में पार्टी टिकटों का आवंटन सही हाथों में नहीं देती है, तो चुनाव में घाटा तय है। अपने विरोधियों को संकेत देते हुए उन्होने कहा कि जैसे ही मेरा दौरा शुरू होता है, राजनीति में हलचल शुरू हो जाती है। बीजेपी उनके पीछे ऐसे लग जाती है जैसी वे कोई इंसान नहीं, बल्कि उग्रवादी हों।
साथ ही कांग्रेस उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर भी हमला बोला और कहा कि जो कांग्रेस नेता बड़े-बड़े बीजेपी नेताओं की चाटुकार बने हैं उन्हें ये नहीं भूलना चाहिए कि हम किस पार्टी के हैं। उनकी बातों से साफ झलक रहा था कि कांग्रेस में वह किसी दूसरे ध्रुव को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं।
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वीरभद्र सिंह ने कहा कि वे राजनीति से संन्यास भी लेना चाहते हैं। लेकिन, पार्टी का उन पर विश्वास है। उन्होंने कहा कि उनके ऊपर हाईकमान का पूरा हाथ है। जिसकी वजह से वह जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटते। वीरभद्र सिंह ने कहा कि चुनावों में वे कुछ सीटें पहले से ही कांग्रेस की झोली में थीं, लेकिन गलत टिकट के आवंटन से कई विधानसभा क्षेत्र हार गए।
धूमल को दी रावण की संज्ञा
सुजानपुर के कार्यक्रम में वीरभद्र सिंह ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार धूमल को रावण की संज्ञा दे डाली। उन्होंने कहा कि इस रावण में अहंकार भर गया था, जिसका वध राजेंद्र राणा ने कर दिया। वीरभद्र सिंह इस दौरान स्थानीय विधायक राजेंद्र राणा के काफी मुरीद बनते दिखाई दिए। उन्होंने राजेंद्र राणा के सम्मान में तारीफों के पुल बांध डाले।