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ब्रेकिंग: विरोध के बावजूद भी सदन में पारित हुआ सचेतक-सह सचेतक पद पर बिल

पी. चंद |

विपक्ष के विरोध के बावजूद सरकार ने मुख्य सचेतक और सह सचेतक को लेकर दिया बिल पास कर दिया है। इस बिल को लेकर सदन में खूब हंगामा हुआ और विपक्ष के साथ-साथ कॉमरेड सिंघा ने भी इसका जोरदार विरोध किया। इनका कहना है कि ये ऑफिस औऱ प्रॉफिट का मामला है, जिससे वित्तीय स्थिति पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि ये पार्टी की पोस्ट है और ये असंवैधानिक है। बीजेपी 'सबका विनाश, अपना विकास' के नारे के साथ चल रही है। इस विधेयक के पास होने से साफ हो गया कि उन्हें आर्थिक स्थिति की कितनी परवाह है।

हंगामें के बीच शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने भी बिल को पूरा समर्थन दिया औऱ कहा कि पिछली सरकार ने 9 CPS बनाए, तब वित्तीय प्रबंधन की बात कही नहीं दिखी। नियमों के अनुसार, ये ऑफिस और प्रॉफिट के दायरे में नहीं आते हैं। ये बिल संवैधानिक है, इसलिए इस पर विपक्ष का एतराज़ गैर वाज़िब है। यहां तक कि मंत्री ने ये भी कह दिया कि अब कांग्रेस विपक्ष में है न की सरकार में। इस पर CLP और सुरेश भारद्वाज के बीच तीख़ी नोकझोंक हुई, लेकिन बाद में मामला शांत हो गया।

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मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि जो सुझाव इसमें आए ये ठीक है, लेकिन बिना मतलब के विरोध के लिए विरोध करना उचित नहीं है। विपक्ष अपने लिए तो विपक्ष के नेता का पद मांग रहे है।

ग़ौरतलब है कि पिछले कल बुधवार को सरकार ने सचेतक और सह-सचेतक को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने को लेकर सदन में बिल पेश किया था। इस तरह का बिल पहली दफा सदन में पेश किया गया है। वहीं, ये बिल सरकार की मंशा भी साफ जाहिर करता नज़र आ रहा है। एक ओर सरकार प्रदेश की आर्थिक स्थिती का रोना रो रही है तो दूसरी ओर अपने कुछ नेताओं की सेटिंग भिड़ाई जा रही है। यही नहीं, पूर्व सरकार के दौरान भी बीजेपी ने कई दावे किए थे कि CPS की नियुक्तियां क्यों की गई और उनकी सरकार आने पर ऐसा नहीं होगा। लेकिन सरकार बदलते ही सीपीएस तो नहीं, बल्कि नई पेशकश सरकार की ओर से रख़ी गई है।