<p>हिमाचल प्रदेश राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद विधेयक 2018 पुनः स्थापित किया गया। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इसको सदन में रखा जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस विधेयक पर चर्चा में ठियोग के सीपीआईएम विधायक राकेश सिंघा ने आपत्ति जाहिर की और कहा कि इस विधेयक को कुछ लोगों को फ़ायदा पहुंचाने के लिए लाया जा रहा है। शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पर भी सरकार गंभीर नहीं है। क्योंकि जब यूजीसी है तो इस बिल को लाने की जरूरत नहीं है। इस बिल से शिक्षा का भगवाकरण किया जा रहा है।</p>
<p>कांग्रेस के सुखविंदर सुक्खू और जगत सिंह नेगी ने भी इस बिल पर भगवाकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि इस बिल के माध्यम से सरकार विश्वविद्यालय को अपने कब्ज़े में करना चाहते है। इसमें कई खामियां है सरकार इस बिल को जल्दबाजी में ला रही है। इसलिए कांग्रेस इसका विरोध कर रही है।</p>
<p>वहीं, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने विपक्ष के तमाम आरोपों को नकारते हुए बताया कि परिषद पहले से ही बनी हुई है। हम इसे मात्र प्रभावी बना रहे है। इस परिषद का चेयरमैन नेता न होकर शिक्षाविद ही होगा। विपक्ष के नेता चैयरमेन सिलेक्शन कमेटी के सदस्य है। बाकी जो कमियां इस कानून में रहेगी इसको दूर किया जाएगा। इसमें पूरी पारदर्शिता बरती गई है।</p>
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