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शिमला में किसान-बागवानों का जेल भरो आंदोलन, धारा-144 हुई लागू

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सयुंक्त किसान मंच ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में अब किसान सभा व किसानों के अन्य संगठनों ने सयुंक्त किसान मंच के बैनर तले शिमला के मॉलरोड पर प्रदर्शन किया पहुंच गए है.किसानों ने धारा 144 तोड़ते हुए मॉलरोड के रिपोर्टिंग रूम के बाहर इक्कठा होकर जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान किसान रिज से स्केंडल पॉइंट से शेरे पंजाब से नारे लगाते हुए रिपोर्टिंग रूम तक आये और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस भी खड़ी उन्हें देखती रही और गिरफ्तार नही कर सकी. किसान मॉलरोड पर बैठ गए और जमकर नारे बाजी की.

संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने बताया कि अदानी एग्री फ्रेश द्वारा जो सेब खरीद का दाम तय किये है उसे पूर्ण रूप से नकारता है क्योंकि यह गत वर्ष की तुलना में काफी कम है जबकि खाद कीटनाशक फफूंदीनाशक, कार्टन, ट्रे व अन्य लागत वस्तुओं की कीमतों में 25 से 80 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई . जबकि गत वर्ष कंपनियों के द्वारा जिस सेब के दाम 85 रुपये, 73 रुपये, 63 रुपये व 53 रुपये प्रति किलो के हिसाब से तय किये थे, वह इस वर्ष अदानी द्वारा 76 रुपये, 68 रुपये, 60 रुपये व 52 रुपये प्रति किलो तय किये गए हैं. इससे स्पष्ट हो जाता है कि सरकार अदानी व अन्य कंपनियों के दबाव में काम कर रही है और इन कंपनियों के द्वारा बागवानों के शोषण व लूट की खुली छूट दे रही है. मंच सरकार से मांग करता है कि सरकार तुरन्त अदानी व अन्य कंपनियों द्वारा घोषित दाम को निरस्त करे तथा कंपनियों के द्वारा बागवानों के शोषण व लूट पर तुरन्त रोक लगाए. उन्होंने कहा कि वह जेलो में जाएंगे और वहां से भी आंदोलन करेंगे

सयुंक्त किसान मंच ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में अब किसान सभा व किसानों के अन्य संगठनों ने सयुंक्त किसान मंच के बैनर तले शिमला के मॉलरोड पर प्रदर्शन किया पहुंच गए है.किसानों ने धारा 144 तोड़ते हुए मॉलरोड के रिपोर्टिंग रूम के बाहर इक्कठा होकर जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान किसान रिज से स्केंडल पॉइंट से शेरे पंजाब से नारे लगाते हुए रिपोर्टिंग रूम तक आये और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस भी खड़ी उन्हें देखती रही और गिरफ्तार नही कर सकी. किसान मॉलरोड पर बैठ गए और जमकर नारे बाजी की.

संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने बताया कि अदानी एग्री फ्रेश द्वारा जो सेब खरीद का दाम तय किये है उसे पूर्ण रूप से नकारता है क्योंकि यह गत वर्ष की तुलना में काफी कम है जबकि खाद कीटनाशक फफूंदीनाशक, कार्टन, ट्रे व अन्य लागत वस्तुओं की कीमतों में 25 से 80 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई . जबकि गत वर्ष कंपनियों के द्वारा जिस सेब के दाम 85 रुपये, 73 रुपये, 63 रुपये व 53 रुपये प्रति किलो के हिसाब से तय किये थे, वह इस वर्ष अदानी द्वारा 76 रुपये, 68 रुपये, 60 रुपये व 52 रुपये प्रति किलो तय किये गए हैं. इससे स्पष्ट हो जाता है कि सरकार अदानी व अन्य कंपनियों के दबाव में काम कर रही है और इन कंपनियों के द्वारा बागवानों के शोषण व लूट की खुली छूट दे रही है. मंच सरकार से मांग करता है कि सरकार तुरन्त अदानी व अन्य कंपनियों द्वारा घोषित दाम को निरस्त करे तथा कंपनियों के द्वारा बागवानों के शोषण व लूट पर तुरन्त रोक लगाए. उन्होंने कहा कि वह जेलो में जाएंगे और वहां से भी आंदोलन करेंगे.

सयुंक्त किसान मंच ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में अब किसान सभा व किसानों के अन्य संगठनों ने सयुंक्त किसान मंच के बैनर तले शिमला के मॉलरोड पर प्रदर्शन किया पहुंच गए है.किसानों ने धारा 144 तोड़ते हुए मॉलरोड के रिपोर्टिंग रूम के बाहर इक्कठा होकर जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान किसान रिज से स्केंडल पॉइंट से शेरे पंजाब से नारे लगाते हुए रिपोर्टिंग रूम तक आये और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस भी खड़ी उन्हें देखती रही और गिरफ्तार नही कर सकी. किसान मॉलरोड पर बैठ गए और जमकर नारे बाजी की.

संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने बताया कि अदानी एग्री फ्रेश द्वारा जो सेब खरीद का दाम तय किये है उसे पूर्ण रूप से नकारता है क्योंकि यह गत वर्ष की तुलना में काफी कम है जबकि खाद कीटनाशक फफूंदीनाशक, कार्टन, ट्रे व अन्य लागत वस्तुओं की कीमतों में 25 से 80 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई . जबकि गत वर्ष कंपनियों के द्वारा जिस सेब के दाम 85 रुपये, 73 रुपये, 63 रुपये व 53 रुपये प्रति किलो के हिसाब से तय किये थे, वह इस वर्ष अदानी द्वारा 76 रुपये, 68 रुपये, 60 रुपये व 52 रुपये प्रति किलो तय किये गए हैं. इससे स्पष्ट हो जाता है कि सरकार अदानी व अन्य कंपनियों के दबाव में काम कर रही है और इन कंपनियों के द्वारा बागवानों के शोषण व लूट की खुली छूट दे रही है. मंच सरकार से मांग करता है कि सरकार तुरन्त अदानी व अन्य कंपनियों द्वारा घोषित दाम को निरस्त करे तथा कंपनियों के द्वारा बागवानों के शोषण व लूट पर तुरन्त रोक लगाए. उन्होंने कहा कि वह जेलो में जाएंगे और वहां से भी आंदोलन करेंगे.