हिमाचल में बीजेपी की सरकार बनते ही खनन-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। शुक्रवार को ऊना जिला समेत कई इलाकों से लगभग 50 से ज्यादा खनन टिप्परों को जब्त किया गया है।
बीजेपी की तरफ से खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई को रूटीन कार्रवाई का नाम दिया जा रहा है। जयराम सरकरा में कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर ने समाचार फर्स्ट को बताया कि काफी संख्या में टिप्परों को जब्त किया है और रूटीन प्रक्रिया के तहत ऊना जिले में खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
क्या पिछली सरकार में थी अवैध खनन की छूट?
बीजेपी सरकार के आते ही खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई से प्रदेश की पिछली सरकार पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े होते हैं। अगर नई सरकार गठन के एक हफ्ते के भीतर ही अवैध खनन में लिप्त 50 से ज्यादा टिप्पर जब्त कर लिए जाते हैं तो पिछली सरकार के कई सालों का आलम क्या रहा होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
खनन माफियाओं के संरक्षण को लेकर पिछली सरकार पर काफी आरोप लगे। बीजेपी ने इन आरोपों को चुनावी मुद्दा भी बनाया। बीजेपी ने चुनाव पूर्व अवैध खनन को रोकने के साथ ही साथ खनन-माफियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई का वादा भी किया था। शायद चुनाव के दौरान इस मुद्दे का लाभ भी बीजेपी को मिला। बीजेपी के सत्ता में आए महज चंद दिन हुए हैं, खनन माफियाओं पर कार्रवाई रंग ला रही है।
अब सवाल उठता है कि क्या पिछली सरकार अपने पांच सालों के दौरान हुए अवैध खनन का ब्यौरा पेश करेगी? पिछले सालों में अवैध खनन से जो पर्यावरण तथा प्रकृति का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करेगी?