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तवांग पर हमसे सवाल करने से पहले, राहुल गांधी को देना चाहिए जवाब: अनुराग ठाकुर

डेस्क |

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आतंकवाद व पाकिस्तान समेत कई मुद्दों पर बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में 2014 के बाद शांति का दौर शुरू हुआ. उग्रवाद की हिंसा में 80% की कमी, नागरिकों की मृत्यु में 89% की कमी, और 2014 के बाद 6000 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया. वामपंथी उग्रवाद में 265% की कमी आई.

इसी के साथ केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि जहां भारत दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट कर रहा है. वहीं, हमारे कुछ पड़ोसी देश आतंकवाद का समर्थन कर रहे हैं और जोर-शोर से इसके पक्ष में बोल रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका असली चेहरा सामने आ गया है.

वहीं, अनुराग ठाकुर ने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने सामाजिक कल्याण के बहाने कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाले एक संगठन (PFI) पर प्रतिबंध लगाने में संकोच नहीं किया. हमने संगठन के खिलाफ गहन जांच की और उसके सदस्यों को गिरफ्तार किया. कट्टरपंथी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी.

मोदी सरकार द्वारा अपनाया गया दृष्टिकोण आतंक के प्रति जीरो टॉलरेंस है. निर्णायक कार्रवाई ने हमें निश्चित परिणाम दिए हैं. यदि आप सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट स्ट्राइक को देखें और आतंकवादियों के खिलाफ स्ट्राइक के बाद 2014 से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद में 168% की कमी आई है.

तवांग पर हमसे सवाल करने से पहले, राहुल गांधी को जवाब देना चाहिए, क्या वह चीनी अधिकारियों के साथ थे, जबकि भारतीय सेना डोकलाम मुद्दे पर चीन के सैनिकों से लड़ रही थी? क्या उन्होंने उस समय हमारी सेना पर सवाल उठाया था? क्या राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीनी अधिकारियों से फंडिंग ली?

अगर आप टेरर फंडिंग में कन्विक्शन रेट देखें तो यह 94% है. यह सिर्फ अपनाई गई नीतियों और बने नए कानूनों और भारत में आयोजित अन्य अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के कारण है

अनुराग ठाकुर ने इसी के साथ कहा कि बिलावल भुट्टो का बयान और पाक मंत्री की धमकी आतंकवाद पर भारत के सख्त कार्रवाइयों और जांच के दबाव को दिखाती है. पाकिस्तान को आतंकवाद और टेरर फंडिंग का समर्थन करना बंद करना चाहिए नहीं तो उसे खुद इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

अनुराग ठाकुर बोले पूर्वोत्तर में 2014 के बाद शुरू हुआ था शांति का दौर.