<p>नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जयराम सरकार के अढ़ाई साल के विफलता भरे कार्यकाल में प्रदेश विकास के पथ से भटक गया है। सरकार के पास उपलब्धियां शून्य है और इस सरकार द्वारा प्रदेश को बरबादी की तरफ धकेला जा रहा है। प्रदेश सरकार ने इस दौरान केवल कर्जों का भारी-भरकम रिकॉर्ड कायम किया है और प्रदेश को बेचने के रास्ते खोलने की कोशिशें भी बड़े पैमाने पर की जा रही है। चुनाव के दौरान किये गये वायदों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया है। इस वैश्विक महामारी के समय यह सरकार कितनी संवदेनशील है इस बात का पता यहीं से चलता है कि सरकार द्वारा राशन, बिजली जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं के उपदान में भारी कटौती कर जनता पर आर्थिक बोझ डाला गया है।</p>
<p>मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस आधे सफर में घोटालों का बहुत बड़ा सेहरा इस सरकार के सिर पर बंध गया है। सत्ता के दलाल हर तरफ मंडरा रहे हैं। उन्होंने दलील दी की प्रदेश सरकार सत्ता में आने से पहले राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों का जाल बिछाने के दावे करते हुए 65 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की दुहाई देती थी लेकिन अब अढ़ाई साल में एक इंच भी नेशनल हाइवेज यह सरकार नहीं बना पाई है। रेल लाइनें, हवाई पट्टियां और कोई भी मामला सिरे नहीं चढ़ा है। जबकि यह सरकार डबल इंजन की सरकार की दुहाई देती फिर रही है।</p>
<p>यह सरकार अढ़ाई साल में ब्रेकडाउन की तरफ बढ़ रही है। यह सरकार न तो केंद्र से कोई आर्थिक पैकेज हासिल कर पाई और न ही कोई औद्योगिक पैकेज इन्हें हासिल हुआ है। आज प्रदेश में बहुत से औद्योगिक घराने अपनी औद्योगिक ईकाइयां बंद कर चुके हैं और कुछ बंद करने की तैयार में हैं जिससे आने वाले समय में प्रदेश में और बेरोजगारी बढ़ेगी। प्रदेश में लोकतांत्रिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से मामले बनाए जा रहे हैं और मुख्य मंत्री ने ये अढ़ाई साल सिर्फ़ अपनीकुर्सी को बचाने में ही निकाल दिए हैं। इस दौरान अफसरशाही पूरी तरह हावी है। जनता के हितों को दरकिनार करके फैसले लिए जा रहे हैं। विकास की काल्पनिक उड़ानें जिनका धरातल से कोई सरोकार नहीं है ऐसे सब्जबाग जनता को दिखाने की कोशिश जय राम सरकार ने की है।</p>
<p>अढ़ाई साल से प्रदेश में विकास का पहिया पूरी तरह थम चुका है। कांग्रेस सरकार ने जो विकासात्मक कार्य अपने कार्यकाल में शुरू किये थे उनके अतिरिक्त ज्यादातर विकास के कार्य ठप पड़े हुए हैं। अढ़ाई साल में इस सरकार ने कोई भी ऐसा नया काम नहीं किया है जिसका यह श्रेय ले सके। प्रदेश में पर्यटन के नाम बाहरी लोगों को बुलाकर राज्य की संपत्तियां बेचने की कोशिश सरकार ने की लेकिन विपक्ष के चेताने पर सरकार को अपने कदम वापस खिंचने पड़े। फोरन फंडिंग के दावे यह सरकार पहले दिन से ही करती आई है लेकिन अब आधा कार्यकाल पूरा होने के बाद भी यह फंडिग प्रदेश में नहीं आ पाई है। इंवैस्टर्ज मीट के नाम पर एक लाख करोड़ रुपये के एमओयू साइन किए और उस पर प्रदेश का करोड़ों रुपये का धन लूटाया गया। विभागों को पूरी तरह दबाव में डालकर बड़े पैमाने पर फर्जी एमओयू हुए हैं और सरकार इवैंट मनेजमैंट कंपनी बनकर रह गई है। सरकारी खर्चे पर भारी-भरकम राजनीतिक रैलियां करके प्रदेश के खजाने को करोड़ों रुपये की चपत लगाई गई है।</p>
<p>अब कोरोना काल में भी सरकारी प्लेटफॉर्म पर वर्चुअल रैलियां मुख्य मंत्री द्वारा की जा रही हैं। कोरोना से निपटने में भी यह सरकार पूरी तरह नाकाम हो गई है और ऐसे दौर में जबकि जनता को सरकार की मदद की जरूरत थी तो सरकार ने राशन और बिजली जैसी लोकप्रिय योजनाओं में खिलवाड़ करते हुए दिए जाने वाले अनुदान को भी छीन लिया है और चोर दरवाजे से भारी -भरकम टैक्स जनता पर थोंपे जा रहे हैं जबकि राशन इत्यादी के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। कानून-व्यवस्था का प्रदेश में पूरी तरह जनाजा निकल गया है।</p>
<p>प्रदेश में बलात्कार, कत्ल और खासतौर पर इस कोरोना काल में आत्महत्याओं में भारी बढ़ोतरी हुई है जिसका मुख्य कारण कोरोना काल में बेरोजगार हुए युवा लोग हैं जोकि डिप्रैशन मे आकर ऐसे कदम उठा रहे हैं। प्रदेश में बेरोजगारी नियंत्रण के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या में पहले से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है और जिन लोगों की हाल ही में नौकरियां छीनी गई हैं, ऐसे लाखों लोग हिमाचल प्रदेश में लौट चुके हैं और इनके रोजगार की व्यवस्था करना सरकार का ही कर्त्तव्य है। लेकिन सरकार ने अभी तक कोई कदम इस दिशा में नहीं उठाया है। प्रदेश में माफिया पूरी तरह हावी है और माफिया को पूरी तरह नियंत्रण करने के दावे करने वाली सरकार के दौर में खनन माफिया ने तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।</p>
<p>शराब माफीया, ड्रग्स माफीया और इसी बीच भू-माफिया भी राज्य में तेजी से पनपा है। टैंडर माफिया, तबादला माफिया दनदना रहा है। प्रदेश में जिस ढंग से घोटाले हो रहे हैं खासतौर पर स्वास्थ्य विभाग में जो घोटाले हुए हैं उसके चलते भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष को अपनी कुर्सी गवानी पड़ी। प्रदेश की जनता और राज्य के विकास से इस सरकार को कोई सरोकार नहीं है इनका एक मात्र उद्देश्य पांर्च वर्ष का कार्यकाल पूरा करना है और प्रदेश का विकास व कल्याण इस सरकार के एजेंडे में नहीं है।</p>
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