मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांगड़ा जिला की जस्वां परागपुर विधानसभा क्षेत्र में 190 करोड़ रुपये की 39 विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास किए। साथ ही उन्होंने रक्कड़ और कोटला बेहर में उप-मंडल मैजिस्ट्रेट कार्यालय और डाडा सिब्बा में खंड विकास अधिकारी कार्यालय खोलने की घोषणा की। उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परागपुर को मॉडल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नागरिक अस्पताल गरली में चिकित्सकों के अतिरिक्त पदों के सृजन और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बथरा में विज्ञान कक्षाएं तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुहना में वाणिज्य कक्षाएं शुरू करने की भी घोषणाएं की।
यहां जनसभा को संबोधित करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान सभी कल्याणकारी नीतियों और विकासात्मक परियोजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाना सुनिश्चित किया। उन्होंने कहा कि लंबे समय से बीमार मरीज के परिवार के लिए सहारा योजना वरदान साबित हो रही है। इस योजना के अन्तर्गत ऐसे परिवारों को प्रतिमाह तीन हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि कांग्रेस ने 50 साल सत्ता में रहने के बावजूद समाज के ऐसे वर्गों के लिए कुछ नहीं किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने महिला यात्रियों को हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में किराए में 50 प्रतिशत छूट और इस वर्ष जुलाई से प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक निःशुल्क बिजली प्रदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में निःशुल्क पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता प्रदेश सरकार के इन निर्णयों का विरोध कर रहे हैं जो इन नेताओं दोहरे चेहरे को दिखाता है। उन्होंने कहा कि प्रतिमाह 125 यूनिट से कम बिजली खपत पर उपभोक्ताओं से जीरो बिल लिया जाएगा जिससे राज्य के 15 लाख से अधिक उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।
जयराम ठाकुर ने कोरोना महामारी के संकटकाल के दौरान प्रदेशवासियों के पूर्ण सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने इस महामारी के दौरान अपने आलाकमान को प्रदेश के लोगों को मास्क, भोजन पैकेट और सैनेटाइजर उपलब्ध करवाने में खर्च की गई 12 करोड़ रुपये की राशि का बिल दिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे छोटे राज्य में चार कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने का निर्णय भी हास्यप्रद है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि कई नेता पार्टी छोड़ने वाले थे।